@शब्द दूत ब्यूरो (30 जुलाई 2024)
25 गधे चोरी हो गये और पुलिस एफ आई आर दर्ज नहीं कर रही। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से गधों की चोरी का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचा है।
दर असल जिले में बीती 25 जुलाई को छह लोगों के 25 गधे चोरी हो गए थे। पुलिस ने जब इन लोगों की सुनवाई नहीं की तो इन्होंने सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर शिकायत की और गुहार लगाई कि उनके गधों को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। गधा मालिकों का कहना है कि कोतवाली पुलिस अलग थाने का मामला बताकर हमारी सुनवाई नहीं कर रही है।
जिस दिन गधे चोरी हुए उस दिन बारिश भी काफी तेज हो रही थी।इस वजह से गधा मालिकों ने ढूंढा नहीं। दूसरे दिन जब मालिकों ने इनकी खोजबीन शुरू की तो कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। इसके बाद सभी सिटी कोतवाली थाने पहुंचे और गधों के गुम होने का आवेदन दिया। सिटी कोतवाली थाना प्रभारी में आवदेन लेकर जल्द से जल्द गधों को ढूंढने का आश्वसान दिया। हालांकि तीन-चार दिन बीत जाने के बाद जब गधों का कोई सुराग नहीं लगा तो गधा मालिक वापस से सिटी कोतवाली पहुंचे और इस संबंध में जानकारी लेनी चाही. यहां उन्हें सिटी कोतवाली पुलिस ने बताया कि मामला उनके थाना क्षेत्र का नहीं है। वह इसकी शिकायत शिकारपुरा कोतवाली में जाकर करें।
वहां से जब गधा मालिक शिकारपुरा कोतवाली पहुंचे तो वहां भी यही कर दिया गया कि ये मामला सिटी कोतवाली का है। इसलिए वह शिकायती पत्र नहीं ले सकते हैं। गधा मालिक मदन प्रजापति ने बताया कि गांव के छह लोगों के 25 गधे गायब हैं, जिसकी शिकायत हमने थाने में करनी चाही, लेकिन पुलिस हमें दूसरे थाना क्षेत्र का मामला बताकर परेशान कर रही है।
सिटी कोतवाली पुलिस कहती हैं कि यह मामला शिकारपुर थाना क्षेत्र का है और शिकारपुर पुलिस कहती है कि यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जिसके चलते हमको काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
एक गधा मालिक मदन प्रजापति ने बताया कि गधों के चोरी होने से हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिसके चलते हमने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर की जनसुनवाई में भी की है, ताकि हमें न्याय मिल सके।
बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज में गधों को कोई ले जाते हुए दिखाई दे रहा है, लेकिन पुलिस मामले की एफआईआर तक नहीं दर्ज कर रही है। गधा मालिकों ने कहा कि हमारे एक गधे की कीमत 25 से 30 हजार रुपए तक है।पुलिस FIR दर्ज कर गधा चोरों को पकड़े और हमें हमारे गधे वापस दिलवा, ताकि हम फिर से अपनी रोजी-रोटी कमा सकें। अगर गधे वापस नहीं मिलते हैं तो हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।