@शब्द दूत ब्यूरो (05 मई 2024)
जयपुर। पेड़ और पर्यावरण हमारे जीवन के लिए कितने जरूरी हैं ये बात शायद बताना जरूरी नहीं है। ये बताना और समझना जरूरी है कि इन्हें बचाने के लिए अहम कदम उठाने होंगे। वैसे भी किसी ने सही कहा है कि ‘‘हम बदलें तो युग बदलेगा’’। वास्तव में जग या युग बदलना है तो हमें उसकी शुरुआत स्वयं से करनी होगी। इसी भावना से प्रेरित राजस्थान विश्वविद्यालय के एक संविदा कर्मचारी बिरजू ने आज एक मिसाल पेश की हैं ।
बिरजू ने अपनी इच्छा और कड़ी मेहनत करते हुए कॉलेज परिसर में लगभग 2714 पौधों लगाए जिनको… अपने बच्चों की तरह साज सवार कर वृक्ष बनाने का अद्भुत कार्य किया । ,.. बिरजू ने बताया की प्राकृतिक पेड़ पौधे से उनका बहुत लगान हैं, उनका कहना हैं की विश्वविद्यालय द्वारा कर्मचारियों को हरियाली और पौधे लगाने का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसमे बिरजू ने भी यहा से प्रशिक्षण लिया । बाईट – बिरजू vo-2 हरित क्रांति में योगदान समर्पित करने वाले बिरजू ने विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स बोर्ड के नजदीक खाली पड़ी 50 बीघा से अधिक भूमि के दो मैदानों को अपने कुछ साथियों के साथ दिन रात कड़ी मेहनत कर साफ किया और परिसर के क्षेत्रों में इन पौधों को लगाकर, इन्हें नियमित रूप से पानी, खाद और कीटनाशक दवाइयों का समय पर छिड़काव कर अपने बच्चों की तरह पालना शुरू किया।
आपको बता दे की आज इन 5 हजार पौधों में से करीब 2714 पौधे, वृक्षों के रूप में विकसित हो गए हैं । जिनसे तरह तरह के फल आने लगे हैं,.. और विश्वविद्यालय में छाँव का स्रोत बने हैं, वही कितने मेट्रिक टन ऑक्सीजन बिरजू के इस कार्य से विश्वविद्यालय को मिल रही है इसका अंदाज लगाना मुश्किल है ।