@शब्द दूत ब्यूरो (21 अप्रैल 2024)
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बालुरघाट की सभा में बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया कि वे बम फोड़ने की बात कर रहे हैं. मैं भी निशाने पर हूं, अभिषेक भी निशाने पर हैं. वे हमारी जान भी ले सकते हैं. वे बहुत खतरनाक हैं. याद रखें, हम अपनी सुरक्षा के बारे में नहीं सोचते. हम लोगों की सुरक्षा के बारे में सोचते हैं. बता दें कि शनिवार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने फिर से राजनीतिक तौर पर संकेत देने वाला संदेश दिया था. उन्होंने कहा था, ‘अगले हफ्ते की शुरुआत में ऐसा ‘बम गिरेगा’, जिससे तृणमूल कांग्रेस हिल जाएगी.’
शनिवार को विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मालदा रतुआ की सभा में कहा था, ‘आप देखेंगे, मैं डिटेल नहीं बताऊंगा. अगले सप्ताह की शुरुआत में ऐसा बम गिरेगा कि टीएमसी में अव्यवस्था फैल जायेगी. शांत रहें. तृणमूल को बढ़त नहीं मिलेगी. ‘
हालांकि, मंच से उतरने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने साफ किया कि उनका मतलब राजनीतिक विस्फोट से था. हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ऐसा कोई राजनीतिक विस्फोट होने वाला है, जो टीएमसी के लोगों को हिला देगा.
बीजेपी की साजिश से नहीं डरते: ममता
आज बालुरघाट की सभा में तृणमूल सुप्रीमो ने बिना नाम लिए इस मुद्दे पर पलटवार किया. ममता बनर्जी ने सवाल, ‘क्या आप बम मारने वाले हैं? अगर तुममें हिम्मत है तो आज बताओ. छुपे क्यों हो? ड्रामा करने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है या नहीं?” तृणमूल नेता ने बीजेपी खेमे को जवाबी चेतावनी भी दी.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास भी जानकारी है. आपने बंगाल को बदनाम करने के लिए बाहर से कुछ उपद्रवियों को यहां भेजा है, लेकिन हम भी देखेंगे, लेकिन ममता ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी ‘बम के बदले बम नहीं, बम के बदले रवींद्र संगीत’ में विश्वास करती है.
हम सच्चाई लाएंगे सामने, करेंगे मुकाबला
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा ने बिना शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना कहा कि वह उन्हें बता दें कि बम विस्फोट करने की धमकी से नहीं डरती हैं. वे अपनी संपत्ति बचाने के लिए डर से बीजेपी में शामिल हो गये हैं. बता दें कि टीएमसी के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी राज्य में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे.
टीएमसी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य में परेशानी पैदा करने के लिए बाहरी लोगों को ला रही है. ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर दूरदर्शन जैसे स्वतंत्र संस्थानों को भगवा रंग में रंगने का आरोप लगाया.
बीजेपी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप
ममता ने भाजपा पर धर्म आधारित वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया और सवाल किया, दूरदर्शन का लोगो अचानक भगवा क्यों हो गया? सेना के जवानों के आधिकारिक आवासों को भगवा रंग में क्यों रंगा गया? काशी (विश्वनाथ मंदिर) में पुलिस की वर्दी भगवा रंग की क्यों कर दी गई?
उन्होंने कहा, हम फैसले (दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलने) का कड़ा विरोध करते हैं…यह भाजपा के निरंकुश शासन का एक और उदाहरण है. यदि वह सत्ता में बनी रहती है तो भविष्य में कभी चुनाव नहीं होंगे. एक व्यक्ति, एक पार्टी का शासन होगा और विभिन्न समुदायों के धार्मिक अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे।