@शब्द दूत ब्यूरो (10 अप्रैल 2024)
संसू, गरमपानी(नैनीताल) : बेतालघाट ब्लाक के मल्ला गांव, ऊंचाकोट क्षेत्र में सोमवार देर रात हुई हृदयविदारक घटना में आठ मृतकों के शव मंगलवार सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए नैनीताल भेजे।
हादसे का शिकार हुआ समीपवर्ती ओडाबास्कोट गांव निवासी वाहन चालक का गांव भी शोक में डूबा हुआ है। सोमवार मध्य रात्रि मल्लागांव, ऊंचाकोट में नेपाली मूल के यात्रियों को लेकर रामनगर रवाना हुआ पिकअप वाहन असंतुलित होकर लगभग दो सौ मीटर खाई की ओर जा गिरा।
हादसे में वाहन चालक ओडाबास्कोट गांव निवासी राजेंद्र कुमार (38) पुत्र हरीश राम तथा नेपाली मूल के श्रमिक विश राम चौधरी (50), धीरज (45), अंनत राम चौधरी( 40), विनोद चौधरी (38), उदय राम चौधरी(55), तिलक चौधरी (45), गोपाल (60) सभी निवासी चीसापानी गांव, सुरखेत, नेपाल निवासी की मौके पर मौत हो गई जबकि वाहन में सवार शांति चौधरी तथा छोटू चौधरी उर्फ जनक गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना पर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ व गांव के लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाया। गंभीर रूप से घायल दोनों घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। मंगलवार को पुलिस प्रशासन की टीम ने पंचनामा भर शवों को पोस्टमार्टम के लिए नैनीताल भेजा। सीओ सुमित पांडे तथा एसपी क्राइम हरवंश सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर जानकारी जुटाई।
घर जाने की थी तैयारी पर रात को आ गया मौत का बुलावा
गांव में दो महीने से जल जीवन मिशन योजना का कार्य में जुटे नेपाली मूल के श्रमिकों की मंगलवार को वतन वापसी की तैयारी थी। श्रमिकों ने ठेकेदार को अपने नेपाल स्थित चीसापानी गांव में गेहूं कटाई का कार्य पूरा करने के बाद वापस काम पर लौटने का भरोसा भी दिलाया।
ठेकेदार ने हिसाब किया तो श्रमिकों का मन बदल गया और मंगलवार की जगह श्रमिकों ने सोमवार को ही घर वापसी का कार्यक्रम तैयार कर लिया और वाहन भी बुला लिया। श्रमिकों को जरा भी अंदेशा नहीं होगा की यह रात उनकी आखिरी रात होगी। ग्रामीणों के अनुसार सभी मृतक आपस में रिश्तेदार भी थे। ग्रामीण बताते हैं की श्रमिकों को घर लौटने की इतनी जल्दी थी की पाइप लाइन बिछाने का कार्य समय पर निपटा दिया था।
मां, पत्नी व बच्चों को रोता बिलखता छोड़ गया राजेंद्र
हादसे का शिकार हुआ वाहन चालक राजेंद्र स्वयं पिकअप वाहन का स्वामी था। गांव से सब्जियां खरीद वह रामनगर मंडी में सब्जियों को बेचकर अपने परिवार की आजीविका चलाता था। सोमवार को भी वह मटर लेकर रामनगर को रवाना हुआ। सूचना मिलने पर नेपाली मूल के श्रमिकों ने भी राजेंद्र से संपर्क साध चलने की बात कही। राजेंद्र वाहन लेकर तय समय पर श्रमिकों के बताए स्थान पर भी पहुंच गया।