
@शब्द दूत ब्यूरो (03 अक्टूबर 2023)
काशीपुर। शहर में आकर्षण का केंद्र एक खूबसूरत जगह भी है। आज की पीढ़ी के लोग शायद यह नहीं जानते होंगे। जानेंगे भी कैसे प्रगति और आधुनिकता के साथ शहर के सुंदर स्वरूप को विकृत किया जा रहा है।
हम बात कर रहे हैं प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ स्थल गिरीताल की जिसे गिरी सरोवर भी कहा जाता था। इसके साफ और स्वच्छ जल में पहाड़ों का स्पष्ट प्रतिबिम्ब नजर आता था कभी शायद इसीलिए इसे गिरी सरोवर कहा गया था। पर इस सरोवर को आधुनिकता और यहां के निवासियों की उपेक्षा लील गई है।
90 के दशक में इस सरोवर का स्वरूप बड़ा विहंगम दिखाई देता था। धीरे धीरे इस सरोवर का सुंदर स्वरूप विकृत होता चला गया। कभी नावें इस सरोवर में चली थी। सरोवरनगरी नैनीताल की तर्ज पर यहां लोग आया करते थे। पर आज इस सरोवर को ढूंढना पड़ता है। इस सरोवर के किनारे खड़े होकर आप को इसके चारों ओर कूड़ा करकट, झील में उगी वनस्पति तो नजर आयेगी लेकिन सुंदर और स्वच्छ जल की आप खुद कल्पना कर सकते हैं।

ये आज के गिरीताल का दृश्य
यह हाल तब है जब सरकारें उत्तराखंड में पर्यटक स्थलों खासकर धार्मिक महत्व के प्रतीकों को संरक्षित करने का दावा करते नहीं थकती। ऐसा नहीं है कि गिरीताल के सौंदर्यीकरण के लिए पैसा नहीं आया। पर उस आवंटित धन का उपयोग अगर सही ढंग से हुआ होता तो आज गिरी सरोवर की यह दुर्दशा न हुई होती। बाकी शहर की जनता तो यहां नेताओं की महिमा में व्यस्त हो गई है। इसलिए जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता। जब जनता को ही कोई फर्क नहीं पड़ता तो फिर सरकार और नेताओं को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत ही क्यों कर होगी?
कुछ चित्र इस स्थल के जो समय-समय पर खींचे गए हैं। उन्हें देखकर आप गर्व कर सकते हैं अपने काशीपुर पर।
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