@शब्द दूत ब्यूरो (09 दिसंबर 2022)
मक्खन के नाम पर आपकी सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। परांठे सब्जी दाल कुल्चे में जो मक्खन की मोटी सी टिक्की आपको दी जा रही है वह मक्खन है या नहीं ये आप नहीं जान सकते हैं। मजबूरन आप स्लो पाइजन का शिकार हो रहे हैं। ये मक्खन नहीं मार्जरीन है। मक्खन की तरह दिखने वाला एक डेयरी उत्पाद है।
धड़ल्ले से बिक रहा ये मार्जरीन पशुओं के दूध से नहीं वरन जटिल प्रक्रियाओं के माध्यम से बनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मार्जरीन सेहत के लिए बहुत हानिकारक साबित होता है। इसका सेवन करने से इंसान को कैंसर-डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियां घेर सकती हैं।
मार्जरीन बनाने में पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। ये ऑयल दुनिया के सबसे हानिकारक ऑयल में से एक होता है। जनता को बेवकूफ बनाकर अपने हित साधने के लिए मार्जरीन को जीरो कोलेस्ट्रोल वाला भी कहा जाता है। बाजार में बिकने वाला कौन सा मक्खन असली है और कौन सा नकली ये पता लगाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण समय-समय पर खाद्य पदार्थों की क्वालिटी को लेकर समय-समय पर चेताते रहते हैं।
आपको बताते हैं कि मक्खन की शुद्धता जांचने का तरीका क्या है? सबसे पहले दो कटोरियों में पानी भरें। दोनों में आधा चम्मच मक्खन डालें। इसके बाद आयोडीन की दो से तीन बूंदें कटोरे में डालें। ऐसा करने से असली मक्खन का रंग नहीं बदलेगा, लेकिन मार्जरीन के पानी का रंग नीला हो जाएगा। मार्जरीन के सेवन से शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। दिल की समस्याएं बढ़ जाती हैं। डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। आंतों में चर्बी जम जाती है और अल्जाइमर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।