उत्तरकाशी में एक और हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग हुई है। इस दुर्घटना के बाद ये सवाल तो उठता ही है कि ऐसी जगहों पर हेलीकॉप्टर क्यों भेजे जा रहे हैं, जहां उनके उड़ने और उतरने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं है।
इधर, प्रदेश और क्षेत्र के छुटभैये नेताओं पर भी उंगली उठ रही है कि वे आपदा प्रबंधन में लगे अधिकारियों पर नाजायज दबाव बना रहे हैं। उधर, प्रशासनिक अधिकारी भी आपदा का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक प्रशासनिक अधिकारी के दबाव में मोल्डी गांव भेजा गया था हेलीकॉप्टर। जिसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम को भी नहीं थी। जो बाद में रसद उतारकर उड़ा ही था कि सेब की ट्रॉलियों की तारों में उलझकर गिर गया।
दरअसल, उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील का बंगाण का ये इलाका सेब, राजमा और आलू के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र के लोग सीजन में करोड़ों रुपयों के सेब बेचते हैं। मदद के नाम पर बरसात के सीजन में पानी की बोतलें ले जाना सवाल तो खड़े करता ही है। साथ ही इतने समृद्ध इलाके में बांटने के लिए बिस्कुट इत्यादि ले जाना क्या यहां की जनता को दिखाने का षड्यंत्र नहीं ।






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