उत्तरकाशी ।एक तरफ केन्द्र व राज्य सरकार निर्मल गंगा अभियान पर करोड़ों खर्च का दावा कर रही है। पर उत्तराखंड सरकार के शासन व प्रशासन की इस निर्मल गंगा योजना को धराशायी करता भागीरथी नदी में चल रहा अवैध स्टोन क्रेशर इस बात का प्रमाण है कि यह योजना सिर्फ कागजी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस मामले में संदेह के घेरे में हैं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के मानकों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। गौरतलब है कि यह स्टोन क्रेशर गंगोत्री को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। हर किसी को यह स्टोन क्रेशर दिखता है पर कार्रवाई की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहा। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस स्टोन क्रेशर की वजह से यहां नागरिकों को दिक्कत तो है ही। भागीरथी (गंगा) भी प्रदूषण की जद में हैं। क्या ऐसे ही निर्मल गंगा का सपना साकार हो पायेगा।
आश्चर्य का विषय तो यह है कि यहाँ पर नजदीक ही आईटीबीपी का मुख्यालय भी है। मतलब इस स्टोन क्रेशर के आसपास से तमाम अधिकारी गुजरते हैं। इसके बावजूद इस स्टोन क्रेशर का संचालित होना सरकार के लिए एक चुनौती है या जानबूझकर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहाँ के जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी इस स्टोन क्रेशर को लेकर कार्रवाई नहीं कर रहे। इसके पीछे उन लोगों का क्या हित छिपा हुआ है। जिस वजह से धड़ल्ले से भागीरथी के सीने पर बने इस स्टोन क्रेशर ने सरकार को खामोश कर दिया है।