12 मई को कलेक्ट्रेट पर दिया जाएगा धरना वहीं किसान करेंगे आर पार की लड़ाई का ऐलान
@शिव कुमार शर्मा
केशवरायपाटन (01 मई 2022)। केशोरायपाटन शुगर मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के प्रतिनिधि नवीन श्रृंगी ने बताया कि शुगर मिल के पुनः संचालन को लेकर कोर कमेटी के प्रमुख सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक रविवार को शुगर मिल परिसर में वरिष्ठ किसान नेता छोटू लाल गुर्जर की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में प्रशासन एवं सरकार द्वारा किसानों को भ्रमित किए जाने को लेकर रोष प्रकट किया गया। युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि सरकार एवं प्रशासन मिल के मामले को लेकर क्षेत्रीय किसानों एवं युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। एवं किसानों को धोखा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा बूंदी ट्रैक्टर मार्च के समय जिला कलेक्ट्रेट ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वह किसानों की बात को सरकार तक पहुंचा कर जल्द ही दिल्ली से टीम को मिल निरीक्षण के लिए के पाटन बुलाया जाएगा। जिसके बाद किसानों ने बूंदी ट्रैक्टर मार्च को स्थगित किया था।
परंतु अभी तक सरकार एवं प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला जिससे इस सरकार की नियत का पता चलता है। गौतम ने कहा कि अगर सरकार को यह लगता है कि इस मामले को इसी तरह टालते रहेंगे तो यह प्रशासन एवं सरकार की गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय युवा एवं किसान पहले ही तय कर चुके हैं कि शुगर मिल के संचालन की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जाएगी इसीलिए अब निर्णय आर पार की स्थिति में करने का आ चुका है।
12 मई को क्षेत्रीय किसान एवं युवा प्रतिनिधि जिला कलेक्टर बूंदी पर धरना देकर अपना विरोध प्रकट करेंगे। वहीं से सरकार के खिलाफ अंतिम लड़ाई की घोषणा भी होगी। वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार ने कहा कि स्थानीय राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में और नेताओं के अपने निजी स्वार्थ के कारण इस क्षेत्र के भाग्य से जुड़ा सबसे बड़े मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं किया गया। बल्कि क्षेत्र के युवा एवं किसानों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए इस मिल को खुर्द बुर्द करने की कोशिश की गई। लेकिन किसानों की जागरूकता एवं संघर्ष के दम पर अभी भी मिल अपने स्थान पर खड़ा है। मिल के पास अपनी स्वयं की जमीन संसाधन एवं पैसे उपलब्ध होने के बाद भी सरकार का यह रवैया बर्दाश्त के बाहर है।
उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आगाह करते हुए कहा कि इस मिल के संचालन को लेकर किसान जान तक देने को तैयार हैं। 12 मई के बाद किसान स्वयं अपने हाथों से सरकार को अनुबंध पत्र लिख कर देंगे कि या तो मिल को संचालित किया जाय। अन्यथा किसान अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेगा इसीलिए प्रशासन एवं सरकार इस गंभीर एवं महत्वपूर्ण विषय पर जल्द निर्णय करें।
बैठक को किसान नेता अरविंद भूतिया, बद्रीलाल बैरागी, परमानंद बेरवा, निर्मल सिंह, वार्ड पंच लोकेश गौतम, नाथूलाल, भंवरलाल, राजेंद्र मीणा, नरेंद्र योगी, मस्तराम मीणा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।