इस महीने दैनिक संक्रमण के मामलों में 60 गुना वृद्धि दर्ज की गई है यहां कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है।*
@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (21 फरवरी, 2022)
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। साल 2019 से इसने तबाही मताना शुरू किया। भारत में भी दूसरी लहर के दौरान कोराना ने भारी तबाही मचाई थी। हालांकि भारत में कोराना की तीसरी लहर की रफ्तार धीमी हुई है। लेकिन इस बीच हांगकांग में ओमिक्रॉन के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।
खबरों के मुताबिक हांगकांग में कोरोना महामारी ने घातक रूप ले लिया है। यहां कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। स्थिति यह हो गई है कि अस्पताल के बाहर रखकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
हांगकांग में कोविड-19 की जांच के लिए लोगों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। चीन की तरह यहां भी जीरो-कोविड पॉलिसी का पालन हुआ था। लेकिन बावजूद इसके लोगों को इतने बुरे संकट से गुजरना पड़ रहा है। यहां अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगाया गया है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
हांगकांग की सरकार कोरोना महामारी की पांचवी लहर से निपटने में संघर्ष कर रही है। खास बात ये है वहां ज्यादातर मरीज ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं।
गौरलतब है कि कुछ दिन पहले हांगकांग में लूनर न्यू ईयर पर लोगों ने जमकर धमाल मचाया था। भीड़भाड़ के बीच लोगों को जमकर मस्ती करते देखा गया था। इस दौरान जमा हुई भीड़ की वजह से अचानक ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल आया।
चीन के शहरों ने हांगकांग के लोगों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। इनका कहना है कि क्वारंटीन में रखना तो दूर की बात, इन्हें देश में एंट्री ही नहीं करने दिया जाएगा। बता दें कि हांगकांग में करीब 11 सरकारी अस्पताल हैं जहां बेड फुल हो चुके हैं। साथ ही इमरजेंसी सर्विस भी हाई अलर्ट पर है।