नितेश जोशी की रिपोर्ट
नैनीताल। रचनात्मक शिक्षक मण्डल की पहल पर शहीद सैनिक स्कूल में प्रख्यात साहित्यकार,नाटककार गिरीश कर्नाड को याद किया गया।कार्यक्रम में गिरीश कर्नाड पर साहित्य अकादमी द्वारा उनके जीवन पर बनायी गयी डॉक्युमेंट्री एवम मालगुडी डेज जिसमें उन्होंने एक्टिंग की दिखायी गयी।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इतिहासकार शेखर पाठक रहे।अपने वक्तव्य में उन्होंने गिरीश कर्नाड के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत रखी।पाठक ने कहा कि वे केवल नाटककार भर नही थे बल्कि साहित्यकार,एक्टर,निर्देशक भी रहे।अंग्रेजी के प्रखर विद्वान होने के बाबजूद वे अंतिम समय तक कन्नड़ और मराठी में लिखते रहे।अपने नाटकों के माध्यम से मिथक और इतिहास को सामने लाये।एक निदेशक,एक्टर के रूप में कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में उनका बराबर का हस्तेक्षप रहा।न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी नाटकों पर उनकी धाक रही।उनकी योग्यता का ही परिणाम रहा कि साहित्य के साथ साथ देश के सभी महत्वपूर्ण सम्मानों से उन्हें नवाजा गया।उनके सम्मान में भारत की विविधता,सहनशीलता के साथ साथ हर विचार के लिए बराबर का सम्मान रहा।
उन्होंने अपने विचारों को हर मौके से स्पष्टता के साथ रखा।उनकी रचनात्मकता के लिए वे हमेशा याद रखे जाएंगे।सत्य के लिए उन्होंने हर जोखिम उठाया।वरिष्ठ रंगकर्मी जहर आलम ने कहा गिरीश कर्नाड जनपक्षीय आवाज थे।उन्होंने बच्चों से कहा शिक्षा केवल किताबी ज्ञान भर नही है बल्कि समाज को समझना भी है।इस मौके पर कुमाऊं विश्विद्यालय की कार्यपरिषद के नवनिर्वाचित सदस्य एडवोकेट कैलाश जोशी, प्रख्यात फ़िल्म निर्देशक गुरूपाल ने भी अपनी बातचीत रखी।अध्यक्षता विरिष्ठ रंगकर्मी सुदर्शन जुयाल ने की।विद्यालय के प्रधानाचार्य बी एस मेहता ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम संयोजक नवेन्दु मठपाल ने कहा कि गिरीश कर्नाड पर इस प्रकार के कार्यक्रम अन्य विद्यालयों में भी आयोजित किये जायेंगे।इस मौके पर विद्यालय के 300 से अधिक बच्चों के साथ साथ रोहित सिंह,शाहनवाज,दरपान सिंह,मुक्ता चौधरी,गीतिका आदि मौजूद रहे। विद्यालय की ओर से अतिथितियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किये गए।