हार के बाद पहली बार काशीपुर में हरीश रावत ने की बैठक
हम जनता तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाये
नये कार्यकर्ताओं को जोड़ पाने में पिछड़े :हरीश रावत
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कद्दावर कांग्रेस नेता हरीश रावत आज शहर में थे। कांग्रेस नवचेतनाभवन में नगर कांग्रेस की एक बैठक आयोजित की गई थी।जिसमें मौजूद कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने जमकर अपने गुबार निकाले। वहीं हरीश रावत ने स्वीकार किया कि हम और हमारे कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुंचाने में असफल रहे। हरीश रावत ने साफ लफ्जों में संगठन और कार्यकर्ताओं का जनता से सीधे जुड़ाव न हो पाना भी इसका कारण बताया। हरीश रावत ने भाजपा कार्यकर्ताओं की इस मामले में सराहना की कि वह अपनी सरकार की बात और योजनाओं को जनता को समझा पाने में सफल रहे। रावत ने कहा कि हम अपने साथ नये कार्यकर्ताओं को तक नहीं जोड़ पाये। हर बार उन्हें वही गिने चुने चेहरे दिखाई देते रहे हैं। हरीश रावत ने कहा कि हार के बाद भी हमारे कार्यकर्ता सबक नहीं ले पाते।
उधर इससे पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी सुरेश शर्मा जंगी ने हार के कारणों के लिए सीधे हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह कार्यकर्ताओं और काशीपुर की जनता से किये वादे पूरे नहीं किये। काशीपुर जिले की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा में गये एक पूर्व कांग्रेस नेता के कहने पर काशीपुर को जिला बनाने की मांग को अनसुना करना भी यहां की जनता की नाराजगी का एक कारण है। इस बीच उस समय बैठक में एक कांग्रेस नेता ने यह कहते हुए सनसनी मचा दी कि चुनाव प्रचार के दौरान ही काशीपुर से हरीश रावत को 30 हजार वोटों से हारने की भविष्यवाणी एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने पहले ही कर दी थी। बैठक में मुकेश मेहरोत्रा, नगर अध्यक्ष संदीप सहगल, मुक्ता सिंह, रोशनी बेगम, मुशर्रफ़ हुसैन, मनोज राय, प्रीत बम, समेत कई वरिष्ठ और युवा कांग्रेस नेता शामिल थे।
हार के कारणों पर मंथन के लिए आयोजित इस बैठक से साबित हो गया कि संगठन की कमजोरी और नये कार्यकर्ताओं को न जोड़ पाना ही काशीपुर में पिछले 32 वर्षों से कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है और इतनी हारों के बाद भी सबक न ले पाने का मतलब आगे भी उम्मीद कम नजर आ रही है।