काशीपुर। शहर के विकास की बदहाली से व्यथित कुछ लोगों ने गैर राजनीतिक मंच के जरिए सत्ता पर काबिज राजनैतिक दल के नुमाइंदों से मिलकर उन सब बातों के लिए मिलने का निश्चय किया है जिसके वादे कर के वह चुनाव जीते थे।
लंबे अरसे से शहर के विकास के प्रति उपेक्षित रवैये से आहत तमाम सामाजिक संगठनों ने काशीपुर डेवलपमेंट फोरम नाम से एक सामाजिक मंच का गठन किया है। मंच में शहर की तमाम नामचीन हस्तियां शामिल हैं जिसमें उद्योगपति, अधिवक्ता चिकित्सक आदि शामिल हैं।
मंच के गठन के बाद जारी विज्ञप्ति में शहर के विकास को ही मुख्य मुद्दा बनाया गया है। विज्ञप्ति से जाहिर है कि सत्ता ने काशीपुर शहर को बुरी तरह उपेक्षित रखा है। प्रदेश के विकास से अलग-थलग कर दिया है। काशीपुर को प्रदेश के विकास से जोड़ने व गति देने के लिये “काशीपुर डवलपमेंट फ़ोरम” को गैर राजनीतिक संगठन बताते हुए इसका उद्देश्य काशीपुर को “स्वच्छ व आत्मनिर्भर” बनाने के लिये संकल्पबद्ध रहना बताया गया।
बैठक में संगठन से राजीव घई को संयोजक तथा योगेश जिन्दल, पवन अग्रवाल, काशीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष स. इन्दर सिंह एडवोकेट एवं डा. एसपी गुप्ता को समन्वयक नामित किया गया। निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश पोखरियल निशंक, सांसद अजय भट्ट व सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी से मिलकर काशीपुर को नॉलेज हब, नेशनल इन्स्टीट्यूट आफ़ फ़ार्मेसी, मनोविज्ञान, बायोलॉजी तथा टाटा कैन्सर इन्स्टीट्यूटट व फ़ार्मेसी इंडस्ट्री को काशीपुर में स्थापित करवाकर इसका संयोजित विकास करवाने का प्रयास करेगा। काशीपुर के ओवेरब्रिज को शीघ्र बनवाने व आवश्यकता पड़ने पर माननीय उच्च न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।
बैठक में आईएमए के डा. रवि सिंघल, डा. डीके अग्रवाल, डा. बीएम गोयल, काशीपुर मीडिया सेंटर अध्यक्ष दिलप्रीत सिंह सेठी, लायन आयुष महरोत्रा, रोटेरियन सुरुचि सक्सेना, डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय व रघुनाथ अरोरा आदि विभिन्न सगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।