नई दिल्ली। अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और उसकी भारतीय इकाई ने उसके द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन के देश में आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक के पास आवेदन दिया है। फाइजर का यह अनुरोध ब्रिटेन और बहरीन में कोविड-19 टीके के इस्तेमाल की मिली इजाजत के बाद आया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को देश में इजाजत मिल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक नियम कहते हैं कि जिस वैक्सीन कैंडिडेट ने भारत में ट्रायल नहीं किया है उसे वैक्सीन देने की इजाजत नहीं दी जा सकती। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऐसी परिस्थिति भी भारत के सामने पहले कभी नहीं आई है क्योंकि कोरोना एक वैश्विक महामारी है और भारत दूसरा सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है। इसलिए हो सकता है कि ‘अपवाद’ के तहत भारत इसको मंजूरी देने के बारे में सोचे लेकिन इसके अलावा भी एक मुद्दा है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वो है वैक्सीन स्टोरेज का तापमान।
भारत में ज्यादातर वैक्सीन को स्टोर करने के लिए तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस चाहिए होता है। कुछ गिनती की वैक्सीन ऐसी हैं जिसमें माइनस 20 डिग्री का तापमान स्टोर करने के लिए चाहिए होता है जबकि फाइजर वैक्सीन का स्टोरेज टेम्परेचर माइनस 70 डिग्री सेल्सियस है। ऐसे में सवाल है कि जब भारत के पास ऐसी स्टोरेज की सुविधा ही नहीं है तो फिर ऐसी वैक्सीन को मंजूरी देने का क्या फायदा होगा।






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