चाईबासा(झारखंड) । तीन दिन पूर्व अगवा किए गये सात लोगों की हत्या से झारखंड दहल उठा। अगवा किए गए लोग जिले में पत्थलगड़ी का विरोध कर रहे थे।
घटनाक्रम के अनुसार पत्थलगड़ी समर्थकों ने इन सभी को पश्चिमी सिंहभूम के गुलीकेरा गांव से रविवार को अगवा कर लिया था। एडीजी मुराली लाल मीना ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि 19 घंटे के सर्च ऑपरेशन के दौरान अति नक्सल प्रभावित गुलीकेरा गांव से 3 किलोमीटर दूर जंगल में शव मिले। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, सरकार बनने के बाद उन्होंने पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने की बात कही थी।
पुलिस ने बताया कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने रविवार को गांव में बैठक की थी। बैठक में मौजूद उपमुखिया जेम्स बूढ़ समेत 7 लोगों की इसलिये पिटाई की गई क्योंकि वह लोग पत्थलगढी का विरोध कर रहे थे। उसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक सातों को उठाकर जंगल की ओर ले गए। अगले दिन तक ये लोग नहीं लौटे तो सोमवार को उनके परिजन ने गुदड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसी बीच मंगलवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि अगवा लोगों की हत्या कर शव जंगल में फेंक दिए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया। झारखंड में पत्थलगड़ी के समर्थन में अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन यह सबसे बड़ी वारदात है।