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ब्रेकिंग : बंशीधर भगत की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी तय सिर्फ विधिवत घोषणा बाकी

@विनोद भगत

कुछ ही देर में बंशीधर भगत की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी तय मानी जा रही है। चुनाव के लिए बनाए गए केंद्रीय पर्यवेक्षक शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल देहरादून पहुंच गए हैं। सुबह 11 बजे से चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि दोपहर ढाई बजे तक नये प्रदेशध्यक्ष का ऐलान हो जाएगा। चर्चा है केंद्रीय पर्यवेक्षक नये प्रदेश अध्यक्ष के नाम का लिफाफा साथ लेकर आए हैं सिर्फ विधिवत घोषणा होना बाकी है।

चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह भौर्याल ने बीते बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल मंडल से हैं और राजपूत हैं। ऐसे में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से ब्राह्मण नेता के हिस्से में जाना करीब-करीब तय है। इस पद के लिए क्षेत्रीय व जातीय संतुलन की भूमिका अहम मानी जा रही है।

वैसे तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदारों की फेहरिस्त है। लेकिन पार्टी के सियासी हलकों में गर्म चर्चाओं में वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूरन चंद शर्मा के भाई कैलाश शर्मा मुख्य दावेदार माने जा रहे है।

सूत्रों के मुताबिक कैलाश शर्मा के लिए दौड़ से बाहर हुए दो बड़े नेता लॉबिंग कर रहे हैं। लेकिन उनकी पैरवी कितनी कारगर हो पाएगी, यह कुछ ही घंटों बाद तय हो जाएगा। जबकि जातीय, क्षेत्रीय समीकरणों व वरिष्ठता के आधार पर कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत सब पर भारी पड़ रहे है।

 भाजपा नेता बंशीधर भगत का जन्म 08 अगस्त 1951 को भीमताल के ग्राम भक्त्यूड़ा में हुआ। वर्तमान में वह हल्द्वानी के निकट ग्राम लोहरियासाल ऊंचा पुल के निवासी हैं और कालाढूंगी से भाजपा विधायक हैं। 

हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त बंशीधर भगत का राजनीतिक सफर लंबा है। पिछले पचास वर्षों से वह आरएसएस से जुड़े हुए हैं। 1975 में वह जनसंघ के सदस्य बने। 1989 में भाजपा के नैनीताल- ऊधमसिंहनगर के जिलाध्यक्ष बने। 1991 में पहली बार नैनीताल से विधायक चुने गए। 1993 में मायावती के साथ भाजपा गठबंधन सरकार में पहली बार उप्र में राज्यमंत्री बने। 1996 में खाद्य, रसद एवं पर्वतीय विकास मंत्री बने।  2000 में उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2007 में कैबिनेट मंत्री, 2012 व 2017 में विधायक चुने गए। 

पूर्व मंत्री एवं विधायक बंशीधर भगत ने सियासी सफर की शुरुआत किसान आंदोलन से की।  जनसंघ से जुड़ने के बाद उन्होंने किसान संघर्ष समिति बनाकर किसानों की आवाज बुलंद की। जमरानी बांध के लिए उनकी अगुआई में सात दिन का बड़ा आंदोलन चला। इसके बाद उप्र और फिर उत्तराखंड विधानसभा में वह राज्य व राज्यवासियों के मसलों को निरंतर उठाते आ रहे हैं।

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