@विनोद भगत
काशीपुर । उत्तराखंड सरकार के केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने आज भाजपा की ओर से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में चलाये जा रहे समर्थन अभियान के तहत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस कानून से विदेशों में बसे हिन्दुओं सहित जैन ईसाई बौद्ध तथा सिक्खों पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर देश में दुष्प्रचार किया जारहा है जबकि यह भारतीय संविधान के तहत है। उन्होंने इस्लामी देशों में रह रहे हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर चिंता जताई और कहा कि कि ऐसे ही लोगों के लिए यह कानून बनाया गया है। उन्होंने महात्मा गांधी के 26 सितंबर 1947 को प्रार्थना सभा में दिये गये वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू, सिख हर नजरिए से भारत आ सकते हैं, अगर वे वहां निवास नहीं करना चाहते है तो उस स्थिति में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन में सामान्य बनाना भारत सरकार का कर्त्तव्य है। हरक सिंह ने कहा कि यह विपक्षी दलों की दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति है जो गांधी जी और नेहरू जी द्वारा स्थापित नीति का विरोध करके मानवाधिकारों को कुचलने का काम कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून आमलोगों के हित में है। किसी भी धर्म या पंथ के लोगों के विरोध में सीएए नहीं है। विपक्षी दलों द्वारा भ्रामक प्रचार कर लोगों को बरगलाया जा रहा है। लोकसभा व राज्यसभा में सीएबी पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से यह कानून लागू किया गया। यह कानून देश के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का काम भी करेगा।
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पाकिस्तान में आजादी के समय हिन्दुओं की जनसंख्या 14 प्रतिशत से घट कर 1.6 प्रतिशत रह गयी है। जिन देशों में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं वहां उनकी स्थिति बड़ी दयनीय है। पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरूद्वारे की हाल की घटना का उदाहरण देते हुए श्री रावत ने कहा कि ऐसी घटनाओं को देखते हुए नागरिकता संशोधन कानून की उपयोगिता समझ में आती है।
इस मौके पर विधायक हरभजन सिंह चीमा,बलराज पासी मेयर श्रीमती ऊषा चौधरी, खिलेंन्द्र चौधरी, आशीष गुप्ता, राम मेहरोत्रा, ईश्वर चंद गुप्ता, डा गिरीश चन्द्र तिवारी समेत कई भाजपा नेता मौजूद थे।