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दस राज्‍यों में शुरू नहीं हो सका महिलाओं के लिए हेल्‍पलाइन नंबर

शब्द दूत डेस्क

हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना से देश में गुस्से का उबाल है। लोग सड़कों पर उतरकर हैदराबाद की घटना के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। यही वजह है कि महिला सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में हैं। हालांकि हमारी सरकारें महिला सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिलाओं की मदद के लिए जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर-112 अभी तक 10 राज्यों में लागू ही नहीं किया गया है। खास बात ये है कि जिन राज्यों में महिला हेल्पलाइन नंबर 112 लागू नहीं किया गया है, उनमें 9 राज्य भाजपा शासित हैं।

जिन राज्यों में हेल्पलाइन नंबर 112 शुरू नहीं हो सका है, उनमें कर्नाटक, हरियाणा, बिहार, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं। दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद सरकार ने महिला सुरक्षा को बेहतर के लिए निर्भया फंड की स्थापना की थी। इस फंड के तहत सभी राज्यों को रकम आवंटित की गई थी। लेकिन 6 राज्यों में अभी तक निर्भया फंड से एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया है। जिन राज्यों में निर्भया फंड से रकम इस्तेमाल नहीं की गई है, उनमें कर्नाटक, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम व त्रिपुरा शामिल हैं।

बता दें कि हेल्पलाइन नंबर 112 की शुरुआत इसलिए की गई थी, ताकि महिलाओं को मदद के लिए अलग-अलग नंबर ना याद रखने पड़ें। सरकार ने नंबर के अलावा ‘112 इंडिया एप’ की भी शुरुआत की थी। लेकिन 10 राज्यों में अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।

केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री जीके रेड्डी ने लोकसभा में इस मुद्दे पर कहा कि मैं देशवासियों से अपील करता हूं कि वह 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन एप को डाउनलोड करें। यह पूरे देश में लागू है। जीआरपी और पुलिस रेलवे स्टेशनों पर और सीआईएसएफ एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। वहीं राज्यों में हेल्पलाइन 112 को लागू करने के लिए राज्यों को धन आवंटित कर दिया गया है।

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