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रामभक्ति का महाप्रसाद: अयोध्या की सीता रसोई में प्रतिदिन 40 हजार, पर्वों पर 60 हजार से अधिक श्रद्धालु कर रहे प्रसाद ग्रहण, शब्द दूत की खास वीडियो रिपोर्ट देखिए

@शब्द दूत ब्यूरो (15 दिसंबर 2025)

अयोध्या। अयोध्या स्थित रामलला का भव्य मंदिर आज विश्व भर के सनातन धर्मावलंबियों की आस्था और भक्ति का केंद्र बन चुका है। राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में माता सीता के आशीर्वाद से संचालित सीता रसोई श्रद्धालुओं के लिए केवल भोजनालय नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और आध्यात्मिक तृप्ति का प्रतीक बन गई है।

सीता रसोई के संयोजक राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि अयोध्या अब पूरे भारत की श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन चुकी है। उन्होंने कहा, “प्रतिदिन 35 से 40 हजार श्रद्धालु यहां प्रसाद रूप में भोजन ग्रहण करते हैं। सप्ताहांत में यह संख्या 50 हजार तक पहुंच जाती है, जबकि पर्वों और विशेष अवसरों पर 60 हजार से अधिक भक्तों को भोजन कराया जाता है।”

रसोई के संचालन की जानकारी देते हुए प्रभारी धनंजय पाठक ने कहा, “सीता रसोई लगभग 25 वर्षों से सेवा भाव से संचालित है। यहां भोजन को प्रसाद मानकर तैयार किया जाता है। आधुनिक मशीनों की मदद से प्रतिघंटा 5000 रोटियां बनाई जाती हैं और पूरा भोजन केवल स्टील के बर्तनों में तैयार होता है। रामलला के लिए छप्पन भोग भी यहीं से तैयार किया जाता है।”

रसोई में सेवा देने वाले सुरेश दास, रसोई कर्मी, ने बताया, “यहां काम करना नौकरी नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम की सेवा है। हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को प्रसाद परोसने से आत्मिक सुख मिलता है।”

भोजन वितरण में लगे कालिंदी मिश्रा और अनीता वर्मा ने कहा कि श्रद्धालुओं के चेहरे पर संतोष और भक्ति भाव देखकर सारी थकान दूर हो जाती है। उनके अनुसार, “यहां हर व्यक्ति को समान भाव से प्रसाद दिया जाता है, यही सीता रसोई की पहचान है।”

रामलला के दर्शन के बाद प्रसाद ग्रहण करने आए श्रद्धालु कृपा शंकर मिश्रा ने कहा, “दर्शन के बाद ऐसा लगता है जैसे माता सीता का आशीर्वाद सीधे थाली में मिल रहा हो।”
वहीं बसंत कुंद्रा ने व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा, “इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन कराना अद्भुत कार्य है।”
मनोहर सिंह शाही ने इसे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया, जबकि बाबू यावलकर ने कहा, “सीता रसोई वास्तव में सेवा और श्रद्धा का संगम है।”

सीता रसोई के भविष्य को लेकर बताया गया कि आने वाले समय में एक विशाल ढांचा विकसित किया जाएगा, जिसमें एक समय में एक लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराने की व्यवस्था होगी।
आज सीता रसोई अयोध्या में रामभक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता की जीवंत मिसाल बन चुकी है।

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