ग्रामीणों ने कहा कि बेरोजगारी का लाभ उठाकर युवाओं को ठगा गया है। लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और ऐसे मामलों पर निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
@शब्द दूत ब्यूरो (08 दिसंबर 2025)
बिहार के पूर्णिया जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ बतौना गांव में महीनों तक एक फर्जी पुलिस थाना चलाया गया। इस फर्जी थाने का संचालन राहुल कुमार साह नामक व्यक्ति करता था, जो स्वयं को थानेदार बताकर बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देता था।
सूत्रों के अनुसार राहुल कुमार साह ने एक स्थानीय स्कूल भवन को “थाना” का रूप दे दिया। यहां वह वर्दी पहने रहता था, फर्जी मुहरें, आईकार्ड और कथित नियुक्ति पत्र जारी करता था। युवाओं को ग्राम रक्षा दल, होमगार्ड और कांस्टेबल की नौकरी दिलाने का वादा कर उनसे पैसा वसूला जाता था।
जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने लगभग 300 से अधिक युवाओं से ₹10,000 से ₹50,000 तक वसूले। अनुमान है कि कुल ठगी की राशि ₹50 लाख से अधिक हो सकती है। पीड़ितों ने बताया कि उनसे ट्रेनिंग, वर्दी, नियुक्ति प्रक्रिया और मेडिकल टेस्ट के नाम पर कई किश्तों में पैसे लिए गए।
जब महीनों बीतने के बाद भी युवाओं को न पोस्टिंग मिली, न कोई आधिकारिक आदेश, तब संदेह गहराया। पीड़ितों ने स्थानीय प्रशासन को शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच में पूरा “थाना” फर्जी निकला। मौके से नकली दस्तावेज, वर्दी और फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए।
प्रशासन ने फर्जी थाना को सील कर दिया है और मुख्य आरोपी राहुल कुमार साह समेत अन्य सहयोगियों पर धोखाधड़ी, जालसाज़ी और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्य आरोपी ने बाद में कोर्ट में सरेंडर भी किया है। मामले की तफ्तीश जारी है और अन्य पीड़ितों की पहचान की जा रही है।
घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि बेरोजगारी का लाभ उठाकर युवाओं को ठगा गया है। लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और ऐसे मामलों पर निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
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