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उर्वशी बाली की अनूठी पहल: स्किल डेवलपमेंट कैंप ने बच्चों के सपनों को दी नई 

@शब्द दूत ब्यूरो (27 नवंबर 2025)

काशीपुर। बालक छात्रावास, प्रतापपुर—काशीपुर में 17 से 26 नवंबर 2025 तक आयोजित स्किल डेवलपमेंट कैंप बच्चों के लिए नई उम्मीद, उत्साह और संभावनाओं का मंच बनकर उभरा। दस दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50 बच्चों ने न केवल नए कौशल सीखे, बल्कि आत्मविश्वास और व्यक्तिगत विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए। पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान और व्यक्तित्व निर्माण पर आधारित इस कैंप ने बच्चों में सीखने के प्रति नई ऊर्जा जगाई। प्रतिदिन छात्रावास परिसर रचनात्मकता, अनुशासन और जोश से भर जाता था।

इस पूरे आयोजन की आत्मा रहीं समाजसेवी उर्वशी दत्त बाली, जो काशीपुर के मेयर दीपक बाली की धर्मपत्नी होने के बावजूद इस कैंप को सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि एक भावनात्मक मिशन की तरह निभाती रहीं। वे प्रतिदिन कक्षाओं में उपस्थित होकर बच्चों को प्रेरित करती रहीं, उनकी जरूरतें समझती रहीं और उन्हें परिवार जैसा स्नेह दिया। उर्वशी बाली का विश्वास है कि किसी बच्चे की आर्थिक पृष्ठभूमि उसकी सफलता का मापदंड नहीं होती—सही दिशा और संवेदनशील मार्गदर्शन हर बच्चे को ऊँची उड़ान दे सकता है। इसी सोच के तहत डांस, इंग्लिश स्पीकिंग, स्टिचिंग और हेडराइटिंग के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को बुलाकर बच्चों को विविध स्किल्स प्रदान की गईं।

जगमोहन ने डांस की बारीकियों को बच्चों के लिए सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया, वहीं शांतनु ने इंग्लिश स्पीकिंग क्लासेस में बच्चों की संवाद क्षमता को निखारा। रजनी ठाकुर ने स्टिचिंग प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों में स्वावलंबन और धैर्य का विकास किया। स्वयं उर्वशी दत्त बाली द्वारा संचालित हेडराइटिंग क्लासेस ने बच्चों की लिखावट, प्रस्तुति और अनुशासन में उल्लेखनीय सुधार लाया।

26 नवंबर को हुए समापन समारोह में डांस, स्टिचिंग, संगीत और इंग्लिश स्पीकिंग प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इस सम्मान ने अन्य बच्चों को भी बेहतर प्रदर्शन और नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित किया।

कैंप की सफलता में शहर के कई समाजसेवियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा। डॉक्टर रवि सहोता, डॉक्टर रितु सहोता, संजीवनी हॉस्पिटल के मुकेश चावला, पापा बेकर के रोहित भल्ला, शरण ढिल्लन और अनुराग अग्रवाल ने प्रशिक्षण के लिए आवश्यक सभी सामग्रियाँ अपनी निजी लागत से उपलब्ध कराईं। पुरस्कारों का प्रायोजन अनुराग अग्रवाल ने किया, जबकि शरण ढिल्लन ने लगातार उपस्थित रहकर बच्चों का मनोबल बढ़ाया। वार्डन ज्योति राणा और स्टाफ टीम ने पूरे आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराया।

दस दिनों में बच्चों में आया आत्मविश्वास, सकारात्मक परिवर्तन और सीखने की ललक ने यह साबित कर दिया कि सही दिशा और समर्पित नेतृत्व किसी भी बच्चे का भविष्य बदल सकता है। यह स्किल डेवलपमेंट कैंप काशीपुर के लिए शिक्षा और मानवता का प्रेरक उदाहरण बनकर सामने आया है।

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