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श्री बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान ने लिया स्वरूप, पीएम मोदी और सीएम धामी लगातार कर रहे कार्य समीक्षा

@शब्द दूत ब्यूरो (18 नवंबर 2025)

चमोली। देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के भव्य पुनर्निर्माण के बाद अब श्री बद्रीनाथ धाम को एक स्मार्ट आध्यात्मिक सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल, अयोध्या राम मंदिर और केदारनाथ धाम के पुनरुत्थान की तर्ज पर बद्रीधाम में भी व्यापक विकास कार्य किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस परियोजना की नियमित समीक्षा कर रहे हैं।

481 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा बद्रीनाथ मास्टर प्लान धार्मिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक दृष्टि से एक संतुलित विकास मॉडल माना जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य बद्रीनाथ को आधुनिक सुविधाओं से युक्त, सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरण-संवेदनशील तीर्थस्थल के रूप में विकसित करना है।

परियोजना के तहत मंदिर परिसर के पुनर्गठन, यातायात प्रबंधन, जाम कम करने के उपाय, सड़क चौड़ीकरण, पैदल मार्ग विकास, सार्वजनिक उद्यान, स्मार्ट सुविधाएं और अलकनंदा नदी के किनारे रिवरफ्रंट प्लाज़ा का निर्माण शामिल है। साथ ही बिजली, पानी, स्वच्छता और भूकंपीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को भी उच्च प्राथमिकता दी गई है।

योजना में भूमि उपयोग एवं भवन निर्माण नियमों को सख्ती से लागू करने के साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन, सांस्कृतिक विरासत संरक्षण और तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं का व्यापक प्रावधान किया गया है। 85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस मास्टर प्लान को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें अगले 50 वर्षों की तीर्थ यात्री संख्या को ध्यान में रखकर आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है।

बद्रीनाथ बाजार को व्यवस्थित करते हुए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की तैयारी है। धाम परिसर तक पहुंचने वाला मार्ग भी चौड़ा किया जा रहा है, जिससे यात्री आवागमन और सुगम होगा। साथ ही भविष्य में कर्णप्रयाग तक रेल परियोजना और आगे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रियों के रहने, ठहरने और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हर मुलाकात में बद्री-केदार विकास का विषय प्रमुख रहता है। पीएमओ इस परियोजना की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा है, और राज्य सरकार भी नियमित समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं समय-समय पर बद्रीनाथ जाकर प्रगति का जायजा लेते हैं, जबकि मुख्य सचिव और गढ़वाल आयुक्त भी स्थल निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्ता और स्थानीय प्रतिक्रिया की जानकारी लेते हैं।

बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान पूरा होने के बाद आने वाले दशकों में यह धाम न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आधुनिक सुविधाओं और प्राकृतिक संरक्षण के साथ एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित होगा।

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