@विनोद भगत
काशीपुर। राजनीतिक परिदृश्य में नई रणनीति अपनाते हुए काशीपुर कांग्रेस ने इस बार बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने पहली बार महिलाओं पर खुलकर भरोसा जताते हुए अलका पाल को महानगर कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह निर्णय स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इससे पहले ही महिला महानगर कांग्रेस की कमान पूजा सिंह के हाथों में है। अब दोनों पदों पर महिलाओं की नियुक्ति से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस काशीपुर में संगठन को महिला शक्ति के भरोसे पुनर्जीवित करने की तैयारी में है।
वर्तमान दौर महिला सशक्तिकरण का है, और भाजपा जहां लगातार “नारी शक्ति” को लेकर जनाधार मजबूत करने में जुटी है, वहीं कांग्रेस का यह कदम उसी दिशा में राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संगठन में यह परिवर्तन सिर्फ औपचारिक नहीं है, बल्कि आने वाले 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा भी हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि काशीपुर से महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाना कांग्रेस के लिए एक नया प्रयोग है। अब तक यहां से बहुत कम बार महिलाओं को टिकट मिला है, जबकि पुरुष नेताओं का दबदबा रहा है। लगातार चुनावी पराजयों के बाद कांग्रेस अब “नई सोच और नए चेहरे” के सहारे जनविश्वास वापस पाने की रणनीति पर काम कर रही है।
कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं ने शब्द दूत से बातचीत में कहा कि संगठन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा। उनका मानना है कि यह कदम पार्टी के लिए “गेम चेंजर” साबित हो सकता है, बशर्ते महिला नेतृत्व को पूरी स्वतंत्रता और संगठनात्मक समर्थन मिले।
अब देखना यह होगा कि काशीपुर में कांग्रेस का यह महिला नेतृत्व प्रयोग किस हद तक सफल होता है और क्या वास्तव में यह बदलाव पार्टी को आगामी चुनावों में नई दिशा देने में सक्षम होगा।
डिस्क्लेमर : पार्टी के स्थानीय नेताओं से हुई बातचीत पर आधारित है ये रिपोर्ट
Shabddoot – शब्द दूत Online News Portal

