@शब्द दूत ब्यूरो (07 अक्टूबर 2025)
काशीपुर। सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हमले के प्रयास की घटना को कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं एससी-एसटी आयोग के पूर्व सदस्य जय सिंह गौतम ने अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर हमला नहीं, बल्कि भारत के संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर सीधा प्रहार है।
मीडिया को जारी अपने वक्तव्य में श्री गौतम ने कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के बल पर समाज के बंधनों को तोड़ते हुए सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उन पर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों के लिए घातक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर वकील द्वारा जूता फेंकने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और चिंताजनक है। कोर्ट से बाहर ले जाते समय उस वकील द्वारा बोले गए शब्द उसकी मानसिकता को उजागर करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमला केवल मुख्य न्यायाधीश पर नहीं बल्कि संविधान और उन लोकतांत्रिक मूल्यों पर है जिन पर भारत की न्याय प्रणाली आधारित है। गौतम ने मांग की कि जूता फेंकने वाले अधिवक्ता की मानसिक सोच के साथ-साथ उसके राजनीतिक संबंधों का ब्यौरा भी सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता फैलाने की कोशिश करने वाले तत्वों की यही सोच इस तरह की घटनाओं को जन्म देती है।
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