@शब्द दूत ब्यूरो (06 अक्टूबर 2025)
देहरादून। उत्तराखंड में जमीन और भवनों की खरीद-बिक्री अब पहले से महंगी हो गई है। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में सर्किल रेट (सरकारी न्यूनतम दर) में औसतन 9 से 22 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। नए रेट रविवार से लागू हो गए हैं। इससे अब रजिस्ट्री के समय खरीदारों को ज्यादा कीमत पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क चुकाना पड़ेगा।
सरकार का कहना है कि बाजार दर और सरकारी दरों में लंबे समय से बड़ा अंतर था, जिससे संपत्ति का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा था। नए रेट लागू करने का उद्देश्य इस अंतर को कम करना और संपत्ति के लेन-देन को अधिक पारदर्शी बनाना है।
देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जैसे शहरी जिलों में सर्किल रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। यहां जमीनों की मांग और निर्माण कार्य तेजी से बढ़ने के कारण दरें बाजार मूल्य के करीब लाई गई हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में वृद्धि अपेक्षाकृत कम रखी गई है ताकि किसानों और ग्रामीण खरीदारों पर अधिक आर्थिक बोझ न पड़े।
राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस फैसले से सरकार की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और “अंडर-वैल्यूएशन” यानी कम मूल्य दिखाकर रजिस्ट्री कराने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। इससे राज्य के राजस्व को नुकसान होने की संभावना कम होगी और लेन-देन पारदर्शी होंगे।
देहरादून जिला प्रशासन ने नए सर्किल रेट्स को लागू कर दिया है। अन्य जिलों में भी जल्द ही इन्हें प्रभावी किया जाएगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे संपत्ति खरीद-बिक्री से पहले नए दरों की जानकारी स्थानीय उप-पंजीयक कार्यालयों से अवश्य प्राप्त करें।
इस संशोधन के बाद अब राज्य में घर, प्लॉट या दुकान खरीदने वालों को पहले से अधिक कीमत चुकानी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती दौर में इससे बाजार में कुछ मंदी आ सकती है, लेकिन दीर्घकाल में यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक स्थिर और पारदर्शी बनाएगा।
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