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डॉ. वर्गीज कुरियन की वजह से भारत में बही थीं दूध की नदियां

आपने ‘अमूल’ का नाम तो सुना ही होगा ? ये वो ब्रांड है जो डेयरी प्रोडक्ट्स खास कर मक्खन के लिए सबसे पहले हमारे दिमाग में आता है। क्या आप जानते हैं कि ये किसकी देन है? डॉ. वर्गीज कुरियन, जिन्होनें दूध की कमी से जूझने वाले भारत को दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने में अहम भूमिका निभाई। जो फादर ऑफ़ द वाइट रेव्लुशन और ‘मिल्कमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर हुए। इतना ही नहीं कुरियन दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होनें भैंस के दूध से पाउडर बनाने का कारनामा कर दिखाया था। इससे पहले सिर्फ गाय के दूध से ही पाउडर बनाया जाता था।

डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में एक सीरियाई ईसाई परिवार में नवंबर 1921 को हुआ था। वर्गीज ने लॉयला कॉलेज से साल 1940 में स्नातक करने के बाद चेन्नई के गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद डॉक्टर वर्गीज कुरियन को डेयरी इंजीनियरिंग में अध्ययन करने के लिए भारत सरकार की तरफ से स्‍कॉलरशिप भी मिली। साल 1948 में मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री हासिल की। जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी उनके पास एक विषय था।

14 दिसंबर 1946 को वर्गीज कुरियन ने काइरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ सीमित (केजीसीएमपीयूएल) की नींव रखी थी। त्रिभुवनदास पटेल, इसके संस्थापक और चेयरमैन बने। डॉक्टर कुरियन केजीसीएमपीयूएल को कोई सरल और आसान नाम देना चाहते थे। कर्मचारियों ने अमूल्य नाम सुझाया, जिसका मतलब ‘अनमोल’ होता है। बाद में इस को ओपरेटिव का नाम ‘अमूल’ हो गया। अमूल की सफलता को देखते हुए, 1965 में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल मॉडल को दूसरी जगहों पर फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (NDDB) का भी गठन किया। वर्गीज कुरियन को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।

ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम 1970 में शुरू हुआ था। ऑपरेशन फ्लड ने डेरी उद्योग से जुड़े किसानों को उनके विकास को स्वयं दिशा देने में सहायता दी, उनके संसाधनों का कंट्रोल उनके हाथों में दिया। राष्ट्रीय दुग्ध ग्रिड देश के दूध उत्पादकों को 700 से अधिक शहरों और नगरों के उपभोक्ताओं से जोड़ता है। उन्होंने ही अमूल की स्थापना की थी।

ये तो हुई उनके करियर और संघर्ष की बात अब आपको उनके जीवन से जुड़ी एक दिलचस्प बात बताते है जिसे जानकर आपको हैरानी होगी । भारत में ‘श्वेत क्रांति जनक और ‘मिल्कमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर वर्गीज कुरियन, खुद दूध नहीं पीते थे। वो कहते थे, कि मैं दूध नहीं पीता क्योंकि मुझे यह अच्छा नहीं लगता।

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