@शब्द दूत ब्यूरो (25 सितंबर 2025)
देहरादून। उत्तराखंड में पंजीकृत कुल 5388 वक़्फ़ संपत्तियों में से कितनी संपत्तियों पर अतिक्रमण है, इसकी फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। यह तथ्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सामने आया। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाग को निर्देश दिए कि वक़्फ़ संपत्तियों का संपूर्ण ब्यौरा अद्यतन कर शीघ्र उपलब्ध कराया जाए और उसकी नियमित प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए।
बैठक के दौरान डॉ. धकाते ने वक़्फ़ संपत्तियों के समयबद्ध पंजीकरण और प्रबंधन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड भारत सरकार के ‘उम्मीद पोर्टल’ पर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए। साथ ही जिन मामलों से संबंधित प्रकरण न्यायालयों में लंबित हैं, उनकी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए, ताकि अतिक्रमण रोका जा सके और संपत्तियों की सुरक्षा बनी रहे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सबसे अधिक वक़्फ़ संपत्तियां देहरादून जिले में 1,930, हरिद्वार में 1,721, उधमसिंह नगर में 949 और नैनीताल में 457 दर्ज हैं। पर्वतीय जिलों में अपेक्षाकृत कम संपत्तियां हैं, जिनमें अल्मोड़ा में 94, पौड़ी में 60, टिहरी में 128, चंपावत में 13, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में 2-2 संपत्तियां शामिल हैं।
वक़्फ़ संपत्तियों के प्रकार में 1,799 बिल्डिंग्स, 1,074 दुकानें, 712 मकान, 769 कब्रिस्तान, 725 मस्जिदें और 203 मदरसे/मकतब शामिल हैं। इसके अलावा कृषि भूमि, प्लॉट, स्कूल, इमामबाड़ा, हुजरा, दरगाह-मजार और अन्य श्रेणियों की संपत्तियां भी सूचीबद्ध हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार अब तक सरकारी संपत्तियों पर हुए अवैध कब्ज़ों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करते हुए 9,000 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा चुकी है। बैठक में उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सईद शिराज़ उस्मान, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण राजेन्द्र कुमार, उप सचिव हीरा सिंह बसेड़ा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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