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प्रयागराज :राष्ट्र एवं धर्म रक्षा हेतु वीरगति को प्राप्त हुतात्माओं के लिए सामूहिक तर्पण

@शब्द दूत ब्यूरो (20 सितंबर 2025)

प्रयागराज। मां भगवती वैदिक शिक्षण शोध जनसेवा संस्थान, नैतिक धार्मिक संस्कृत शिक्षा भारत तथा कृतज्ञ संस्थानम् के संयुक्त तत्वावधान में इस वर्ष भी पितृपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर राष्ट्र, धर्म और देश की रक्षा में प्राणोत्सर्ग करने वाले वीर हुतात्माओं की आत्मशांति एवं तृप्ति के लिए सामूहिक तर्पण का आयोजन किया गया। यह परंपरा विगत आठ वर्षों से निरंतर चली आ रही है।

कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्थाओं के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक” ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार मृत एवं अपमृत्यु को प्राप्त आत्माओं की तृप्ति हेतु चतुर्दशी को तर्पण का विशेष विधान है। इसी भाव से संस्था हर वर्ष इस तिथि को वीर सैनिकों, जवानों, वीरांगनाओं और बलिदानी आत्माओं के लिए सामूहिक तर्पण करती है।

इस अवसर पर भगवान परशुराम अखाड़ा के संस्थापक एवं चाणक्य पीठाधीश्वर पूज्य सुदर्शन शरण महाराज ने कहा कि जब परिवार में कोई न रहे तो गुरु, पुरोहित, आचार्य और राजा द्वारा भी तर्पण एवं श्राद्ध करने का विधान है। ऐसे में हमें अपने वीर हुतात्माओं को भी स्मरण करते हुए तर्पण करना चाहिए। उन्होंने समाज और सरकार से आह्वान किया कि हर स्तर पर बलिदानी सैनिकों और पुलिस के जवानों की वीरता को तर्पण और श्राद्ध के माध्यम से याद कर उन्हें सम्मानित करना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं एवं उपस्थित जनों को नाश्ता और मिष्ठान वितरित किया गया। इस अवसर पर तीर्थ पुरोहित पंडित अजय तिवारी, परशुराम अखाड़ा के निजी सचिव कृपाचार्य कृपाशंकर, आचार्य शिवमनन्दन तिवारी, दासानुदास अजय महाराज, नारायण दास वैश्य, कृष्णकांत ओझा, आचार्य सुशील कुमार तिवारी, अनुराग तिवारी, पंडित जीतेंद्र, दिलीप तिवारी, शिवकुमार पाण्डेय सहित श्री बज्रांग आश्रम देवली प्रतापपुर के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

 

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