@शब्द दूत ब्यूरो(18 सितंबर 2025)
देहरादून। उत्तराखण्ड में चमोली जनपद में अतिवृष्टि से मचे भारी कहर के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन से देर रात स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने, प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने, असुरक्षित स्थानों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार पूरी मजबूती से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविरों में भोजन, आवास व स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करने के साथ-साथ जल्द से जल्द बिजली-पानी आपूर्ति बहाल करने और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के निर्देश दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बीती रात चमोली जिले के तहसील नंदानगर के ग्राम कुन्तरी लगाफाली, सरपाणी और धुर्मा में अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है।
कुन्तरी लगाफाली में 8 लोग लापता बताए गए हैं, जबकि 15-20 भवन और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। यहां मलबे में दबे तीन लोगों (दो महिलाएं और एक बच्चा) को सुरक्षित निकाल लिया गया है और 150 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
कुन्तरी सरपाणी गांव में दो लोग लापता हैं और दो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं धुर्मा गांव में मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से दो लोग लापता हो गए और 8-10 भवनों को क्षति पहुंची है।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन भारी बारिश और जगह-जगह भूस्खलन से घटनास्थलों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। कई टीमें पैदल ही मौके तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी तथा यूएसडीएमए के विशेषज्ञ राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और तुरंत राहत-बचाव दलों को सक्रिय किया। पूरे अभियान पर कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी रखी जा रही है।
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