@शब्द दूत ब्यूरो (14 सितंबर 2025)
पिथौरागढ़। हल्द्वानी के काठगोदाम में 2014 में छह साल की मासूम “लाडली” से की गई दरिंदगी एवं हत्या के आरोपी अख्तर अली को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है, जिससे परिजन और सामाजिक संगठनों में गहरा आक्रोश पाया जा रहा है।
परिजनों का कहना है कि हाईकोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाने के बाद उन्हें विश्वास हुआ कि न्याय मिल गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने की सूचना उन्हें समाचार पत्रों से मिली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में उनकी गवाही नहीं ली गई और उन्हें मामले के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की एवं सुनवाई की जानकारी तक नहीं दी गई।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों ने नगर निगम कार्यालय में बैठक कर फैसले की निंदा की। सीमांत यूथ मोर्चा, उत्तराखंड छात्र मोर्चा, नगर युवा कमेटी सहित अन्य कई संगठन मौन विरोध कर रहे हैं। आज इस फैसले के विरूद्ध रामलीला मैदान से डीएम कैंप कार्यालय तक जुलूस निकालने, और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है।
मामला 18 नवंबर 2014 का है जब लाडली विवाह समारोह में शामिल होने के लिए अपने परिजनों के साथ काठगोदाम आई थी। समारोह के दौरान उस पर अत्याचार किया गया, बाद में उसका शव खून से लथपथ पाया गया। पूरे प्रदेश में इस घटना ने व्यापक आक्रोश फैला दिया था और न्याय की मांग उठी थी।
परिजन कहते हैं कि न्याय व्यवस्था तथा सरकार के प्रति उनका भरोसा टूट चुका है। उनका आरोप है कि सरकार तथा उसके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे की पर्याप्त पैरवी नहीं की। वे चाहते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटना किसी बच्ची, किसी महिला, या उनके परिजनों के साथ न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
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