@शब्द दूत ब्यूरो (09 सितंबर 2025)
काठमांडू। नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के चलते शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों ने मंगलवार को बड़ा राजनीतिक मोड़ ले लिया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू सहित कई शहरों में सरकारी इमारतों और मंत्रियों के आवासों में आगजनी की थी।
सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध और सरकार के खिलाफ बढ़ते गुस्से के बीच भड़के इस आंदोलन में अब तक दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने की खबर है। हालात काबू से बाहर होते देख सेना तैनात की गई और कई इलाकों में कर्फ्यू लागू करना पड़ा।
सरकार ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया से पाबंदी हटाने, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और घटनाओं की जांच के लिए समिति गठित करने की घोषणा की थी, लेकिन स्थिति शांत नहीं हुई। इस बीच गृह मंत्री समेत कई सांसद पहले ही इस्तीफा दे चुके थे।
ओली जुलाई 2024 में चौथी बार प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन महज़ 14 महीने बाद उन्हें युवाओं के आक्रोश और लगातार बढ़ते प्रदर्शनों के दबाव में पद छोड़ना पड़ा। नेपाल अब नए नेतृत्व की तलाश की ओर बढ़ रहा है।
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर भड़के विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी, जिससे हालात और बिगड़ गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक मंत्री को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा भी है।
तेजी से बेकाबू हो रहे इन प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में अब तक करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
नेपाल सरकार पहले ही सोशल मीडिया बैन वापस लेने और हालात को काबू में करने के लिए कदम उठाने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारी शांत होने का नाम नहीं ले रहे। स्थिति को देखते हुए सेना की तैनाती और कर्फ्यू जैसे कड़े कदम उठाए गए हैं।
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