Breaking News
.

काशीपुर में सीएम धामी और जनता के बीच सीधा संवाद, महापौर दीपक बाली की अनूठी पहल से हुआ प्रबुद्धजन सम्मेलन

@शब्द दूत ब्यूरो (09 सितंबर 2025)

काशीपुर। महापौर दीपक बाली की सक्रिय पहल ने काशीपुर में जनता और सरकार के बीच सीधा संवाद स्थापित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस आयोजन की प्रशंसा की और इसे प्रदेश के अन्य जिलों में अपनाने का संकेत दिया।

काशीपुर नगर के विकास और बेहतरी को लेकर महापौर दीपक बाली की सोच अब ठोस कदमों में बदलती दिख रही है। 8 सितंबर की शाम महापौर के अनुरोध और पहल पर आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर के गणमान्य नागरिकों, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ सीधे संवाद किया।मुख्यमंत्री धामी को 9 सितंबर की सुबह श्री ननकाना साहिब गुरूद्वारे में सिख समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होना था, लिहाजा समय की पाबंदी को देखते हुए वे 8 सितंबर की शाम काशीपुर पहुंचे। महापौर ने इसी अवसर को जनहित में बदलते हुए तत्काल प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित कराया।

“यहाँ मौजूद लोगों को देखकर मुझे साफ़ नजर आ रहा है कि यह पूरे उत्तराखंड की क्रीम बैठी हुई है,” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

सम्मेलन में शहर की यातायात व्यवस्था, विकास योजनाएँ, रोजगार के अवसर, चिकित्सा व औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी ज़रूरतें और आधारभूत सुविधाओं के विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए। उपस्थित नागरिकों ने कहा कि काशीपुर तेजी से बढ़ रहा है परन्तु बुनियादी ढांचे के विस्तार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में नगर पर दबाव न बढ़े।

मुख्यमंत्री धामी ने महापौर दीपक बाली और आयोजकों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन जनता और सरकार के बीच के अंतर को कम कर सकते हैं तथा नीतियों को धरातल पर लागू करने में मदद करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस पहल को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू करने पर विचार किया जाएगा।

नगरवासियों तथा सम्मिलित प्रबुद्ध नागरिकों ने महापौर की इस पहल को सकारात्मक माना। उनका मानना है कि ऐसी सहभागिता जारी रही तो काशीपुर की कई पुरानी समस्याओं का स्थायी समाधान निकलेगा और नगर को विकास की नई दिशा प्राप्त होगी।

महापौर दीपक बाली की यह पहल इस बात का संकेत है कि स्थानीय नेतृत्व जब सक्रिय रूप से जनता को मंच देता है तो विकास की प्रक्रियाएँ तेज़ होती हैं। अब देखना यह है कि क्या यह मॉडल अन्य जिलों और नगरों में अपनाया जाता है और किस तरह से इन मुद्दों के समाधान के लिए ठोस योजनाएँ बना कर लागू की जाती हैं।

 

Check Also

दुखद :थाना प्रभारी ने सरकारी आवास में खुद को गोली मारकर समाप्त की जीवन लीला , पुलिस विभाग में शोक की लहर

🔊 Listen to this रात करीब 9:30 बजे गोली चलने की आवाज सुनते ही थाने …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-