@शब्द दूत ब्यूरो (08 सितंबर 2025)
देहरादून। एलीवेटेड रोड परियोजना को लेकर हो रही जनसुनवाइयों में अनियमितताओं के खिलाफ विभिन्न जन संगठनों ने सोमवार को डीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा। डीएम और एडीएम की अनुपस्थिति में संगठनों के प्रतिनिधियों ने एसडीएम कुमकुम जोशी से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई। संगठनों का आरोप है कि जनसुनवाइयों में सत्ताधारी दल के नेताओं की दखल बढ़ रही है, जिससे आम नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा। प्रतिनिधियों के मुताबिक, मंच पर पार्षदों और विधायकों के लंबे भाषण होते हैं, लेकिन जब स्थानीय लोग या संगठन एलिवेटेड रोड के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करना चाहते हैं, तो उन्हें रोक दिया जाता है।
6 सितंबर को कांवली गांव में हुई जनसुनवाई का जिक्र करते हुए संगठनों ने बताया कि प्रभावित बस्ती के लोग और सामाजिक कार्यकर्ता अपनी बात नहीं रख पाए। आरोप लगाया गया कि राजपुर रोड विधायक खजानदास सहित कुछ जनप्रतिनिधियों ने विरोध करने वालों को धमकाया और बाहरी करार देकर बाहर करने की चेतावनी दी। साथ ही यह भी कहा गया कि जनसुनवाइयों की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं हो रही है, जबकि यह नियमों के तहत अनिवार्य है। एक घटना में वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे सामाजिक संगठन के सदस्य का कैमरा महिला पार्षद द्वारा तोड़ने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया गया।
जन संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि जनसुनवाइयों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और प्रभावित नागरिकों की आवाज को प्राथमिकता दी जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में कमला पंत, चंद्रकला, जया सिंह, नंदनंदन पांडेय, त्रिलोचन भट्ट, डॉ. एसएन सचान, लताफत हुसैन, प्रो. राघवेंद्र, तुषार रावत, मैहन खत्री, हरिओम पाली, पद्मा गुप्ता, विजय नैथानी, हिमांशु अरोड़ा और विमला कोली सहित कई प्रतिनिधि शामिल रहे।
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