@शब्द दूत ब्यूरो (22 अगस्त 2025)
हल्द्वानी। कुमायूँ परिक्षेत्र की पुलिस अपराध समीक्षा बैठक आज पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल की अध्यक्षता में हल्द्वानी में आयोजित हुई, जिसमें कुमायूँ रेंज के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), राजपत्रित अधिकारी और क्षेत्राधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अपराध नियंत्रण, लंबित मामलों का निस्तारण, महिला शवों की शिनाख्त, गुमशुदगी, नशा विरोधी अभियान, विवेचना की गुणवत्ता, आगामी त्योहारों और छात्रसंघ चुनावों की सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हुई।
आईजी ने बैठक में स्पष्ट किया कि अपराध नियंत्रण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और यदि चुनाव या त्योहारों के दौरान कोई गंभीर आपराधिक घटना घटित होती है तथा उसमें पुलिस की लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित थाना प्रभारी के विरुद्ध 24 घंटे के भीतर कठोर कार्रवाई तय होगी। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारियों को खुद को मठाधीश समझने की प्रवृत्ति छोड़कर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाना होगा।
बैठक में अज्ञात महिला शवों की शिनाख्त को लेकर विशेष समीक्षा की गई और डीएनए प्रोफाइलिंग, फेस रिकग्निशन तकनीक, फोटो प्रसार एवं स्थानीय मीडिया/सोशल मीडिया के सहयोग से हर शव की पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। लंबित वाहनों और एनडीपीएस मालों का निस्तारण शीघ्र करने को कहा गया। गुमशुदा महिलाओं और बालिकाओं के मामलों को टॉप प्रायोरिटी पर रखते हुए केस ऑफिसर स्कीम लागू करने और प्रत्येक थाने में एक समर्पित अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए गए।
आईजी ने लंबित विवेचनाओं पर नाराजगी जताते हुए कहा कि “बहाने नहीं, नतीजे चाहिए।” उन्होंने प्रत्येक क्षेत्राधिकारी को साप्ताहिक O.R. बैठक आयोजित कर विवेचनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा तथा छह माह से अधिक लंबित विवेचना, शिकायतें और विभागीय जांचें 15 दिनों के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया।
आगामी छात्र संघ चुनाव, नन्दा अष्टमी और वाराफात पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर जोर दिया गया। नन्दा देवी मेले की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में हरिद्वार जैसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए और पार्किंग, सीसीटीवी, तारों की सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण जैसी व्यवस्थाओं को एफिडेविट के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए।
आईजी ने कई थाना प्रभारियों द्वारा केवल कागजों में खानापूर्ति करने पर नाराजगी जताई और कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में बीडीएस, क्यूआरटी व डॉग स्क्वाड के साथ सघन गश्त एवं चेकिंग अनिवार्य है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय से प्राप्त अभियानों के अनुपालन के लिए एक माह की समय-सीमा तय की और वैज्ञानिक तरीकों जैसे डीएनए व फिंगर प्रिंट का उपयोग अनिवार्य करने पर बल दिया।
इसके साथ ही जनता का विश्वास मजबूत करने के लिए चिटफंड, कमेटी और अन्य संस्थाओं के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों की सूची तैयार कर उन पर ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर मिशन संवाद के तहत विशेष मोबाइल एप का उपयोग करने पर भी जोर दिया गया।
समापन में आईजी अग्रवाल ने कहा कि जनता अपराध-मुक्त वातावरण चाहती है और पुलिस पर विश्वास तभी कायम रहेगा जब अपराधियों पर त्वरित व ठोस कार्रवाई होगी। किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं है और अपराध नियंत्रण ही पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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