Breaking News
.

नजीबाबाद :समावेशी काल में भारतीय भाषाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करना समय की मांग, साहित्य संगोष्ठी में बोले पुलिस उपमहानिरीक्षक डॉ. निगम

@अमन कुमार त्यागी

नजीबाबाद, 18 अगस्त। समावेशी साहित्य संस्थान के तत्वावधान में ‘समावेशी साहित्य की सारगर्भिता’ विषय पर आयोजित एक आभासी संगोष्ठी में विद्वानों ने वर्तमान समय को “समावेशी काल” की संज्ञा दी और इसे भारतीय भाषाओं व समाज के बीच सामंजस्य स्थापित करने का सर्वोत्तम अवसर बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के उपमहानिरीक्षक डॉ. अखिलेश निगम ‘अखिल’ ने की, जबकि संचालन अनुवाद अधिकारी उमेश कुमार प्रजापति ‘अलख’ ने किया। संगोष्ठी की शुरुआत पत्रकार, साहित्यकार एवं प्रकाशक अमन कुमार त्यागी के स्वागत उद्बोधन से हुई। उन्होंने कहा कि समावेशी साहित्य वह है जिसमें बिना किसी भेदभाव और विमर्शवाद के सबका समावेश हो सके।

मुख्य वक्ता के रूप में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संदीप कुमार वर्मा ने कहा कि साहित्य का काल विभाजन विचारधारा और विधाओं से होता है और सूचना-प्रौद्योगिकी युग में साहित्यिक आदान-प्रदान ने इसे व्यापक आयाम प्रदान किए हैं। आज का समय समावेशी साहित्य की स्थापना का है, जहां व्याकरण और व्यवसाय क्षेत्रीय भाषाओं में प्रवाहमान होकर साहित्य को नई ऊर्जा दे रहे हैं। उन्होंने इसे “समावेशी काल” की संज्ञा दी और कहा कि इस दौर में समावेशी समाज का निर्माण अनिवार्य है।

अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. अखिलेश निगम ने कहा कि वर्तमान साहित्यिक गतिविधियां इस काल को “समावेशी काल” सिद्ध करती हैं, जिसमें धार्मिक कट्टरता, जातीयता, सांस्कृतिक विरोध, फूहड़ हास्य, अंधविश्वास या आतंकवाद पोषित सामग्री को स्थान नहीं मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वास्तव में समावेश का काल है जिसमें भारतीय भाषाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करना समय की मांग है।

संगोष्ठी के दौरान प्रश्नोत्तर सत्र भी रखा गया जिसमें साहित्यकारों और भाषा चिंतकों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यक्रम का समापन अनुवादविद डॉ. अशोक कुमार ‘मंगलेश’ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रो. हरिशंकर मिश्र, डॉ. ए. अच्युतन, डॉ. सी. जयशंकर बाबु, डॉ. दिनेश चन्द्र अवस्थी, डॉ. मोहन तिवारी आनंद, कुंवर वीर सिंह मार्तंड, डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, डॉ. एन. लक्ष्मी, डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. सूर्य नारायण शूर, डॉ. हरदीप कौर और डॉ. रौबी फौजदार सहित अनेक विद्वानों की उपस्थिति रही।

 

Check Also

हर्बल और जड़ी-बूटी सेक्टर में नवाचार व मार्केटिंग पर जोर: मुख्यमंत्री धामी ने दिए निर्देश

🔊 Listen to this @शब्द दूत ब्यूरो (05 दिसंबर 2025) देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-