@शब्द दूत ब्यूरो (04 अगस्त 2025)
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के मद्देनज़र राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोमवार को स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को हर स्तर पर तैयार रहने को कहा है। मौसम विभाग ने टिहरी, देहरादून, पौड़ी और बागेश्वर जिलों के लिए रेड अलर्ट, जबकि हरिद्वार, नैनीताल और चंपावत के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
सचिव सुमन ने कहा कि सभी क्विक रिस्पांस टीमें 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहें और जलभराव की स्थिति में तत्काल मौके पर पहुंचकर त्वरित जल निकासी सुनिश्चित करें। नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि नदी किनारे लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए तथा सभी निर्माण स्थलों पर काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन संरचनाओं से पानी का बहाव बाधित हो रहा हो, उन्हें तुरंत हटाया जाए।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सचिव ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि राशन, दवाएं, पेयजल तथा अन्य आवश्यक सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में लगातार उपलब्ध रहें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि वर्षा की तीव्रता और संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का विश्लेषण कर अग्रिम कार्ययोजना बनाई जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी अधिकारी विकास कुमार श्रीवास्तव तथा यूएसडीएमए के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
सचिव सुमन ने प्रदेश के अवरुद्ध मार्गों की जानकारी लेते हुए निर्देश दिया कि सड़कों को शीघ्र सुचारु किया जाए। साथ ही, जनता को मार्गों की स्थिति की वास्तविक जानकारी उपलब्ध कराई जाए ताकि अनावश्यक यात्रा से बचा जा सके।
भारी वर्षा के कारण पावर हाउसों में जलभराव की आशंका को देखते हुए सचिव ने निर्देश दिए कि ऐसे स्थानों पर बिजली आपूर्ति को समय रहते रोका जाए ताकि जन और धन की क्षति से बचा जा सके।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने राज्यवासियों से अपील की है कि मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें।अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल प्रशासनिक सूचनाओं पर विश्वास करें।नदी किनारे या जलभराव वाले क्षेत्रों में न जाएं, अनावश्यक यात्रा से बचें।भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं।किसी भी आपात स्थिति में 112, 1070 या 1077 पर संपर्क करें।मार्ग बंद होने की स्थिति में सुरक्षित स्थान पर रुकें।बरसाती नालों व तेज बहाव वाले रपटों में वाहन न चलाएं।
राज्य सरकार की ओर से सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाए रखने और स्थिति पर सतत निगरानी रखने को कहा गया है।
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