@शब्द दूत ब्यूरो (03 अगस्त 2025)
मित्रता यानी दोस्ती, वह अनमोल रिश्ता है जो खून के बंधन से नहीं, बल्कि भावनाओं, विश्वास और अपनत्व से जुड़ा होता है। मित्रता जीवन की वह पूंजी है जो हर सुख-दुख में साथ देती है, और यही कारण है कि मित्रता दिवस जैसे आयोजन आज पूरी दुनिया में उत्सव का रूप ले चुके हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि मित्रता दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका क्या इतिहास है, और इसका सामाजिक, सांस्कृतिक व भावनात्मक महत्व क्या है? आइए, एकल प्रवाह में इसका विश्लेषण करें।
मित्रता दिवस का विचार सबसे पहले अमेरिका से आया। 1930 में अमेरिकी कार्ड निर्माता कंपनी हॉलमार्क (Hallmark) ने इस दिन को औपचारिक रूप से मनाने का सुझाव दिया, ताकि लोग अपने मित्रों को कार्ड और उपहार देकर अपने भाव व्यक्त कर सकें। लेकिन उस समय यह विचार पूरी तरह से लोकप्रिय नहीं हो पाया। बाद में 1958 में दक्षिण अमेरिका के पराग्वे देश में पहली बार औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाया गया। धीरे-धीरे यह परंपरा अन्य देशों में भी फैल गई और अब यह दिन वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुका है।
भारत में मित्रता दिवस को विशेष रूप से युवा वर्ग बड़े उत्साह से मनाता है। यह दिन आमतौर पर अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सोशल मीडिया पर यह दिन दोस्ती के रंग में रंगा होता है। लोग अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप बैंड पहनाते हैं, उपहार देते हैं, साथ में समय बिताते हैं, और एक-दूसरे के प्रति अपने भावों को शब्दों और भावनाओं में ढालते हैं।
मित्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक अवसर होता है—यह सोचने का कि हमारी ज़िंदगी में कौन लोग हैं जो निस्वार्थ भाव से हमारे साथ खड़े रहते हैं। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि दोस्ती केवल समान रुचियों या उम्र में नहीं होती, बल्कि यह रिश्तों, समय, संघर्षों और आपसी समझ के बल पर गहरी होती जाती है। स्कूल का बेंच साझा करने वाले से लेकर ऑफिस में चाय साथ पीने वाले तक, जो भी व्यक्ति हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरता है, वह मित्र कहलाने योग्य है।
आधुनिक जीवनशैली, प्रतिस्पर्धा और भागदौड़ के इस युग में मित्रता दिवस जैसे अवसर यह भी स्मरण कराते हैं कि व्यस्तता के बीच भी भावनाओं को जीवित रखना कितना आवश्यक है। यह दिन समाज में प्रेम, सहयोग, आपसी विश्वास और सामूहिकता जैसे मूल्यों को भी बढ़ावा देता है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी 2011 में 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस घोषित किया था, जिसका उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों, देशों और समुदायों के बीच सद्भावना और शांति को बढ़ावा देना था। इस प्रकार मित्रता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि वैश्विक मूल्यों से जुड़ी भावना बन चुकी है।
अंततः, मित्रता दिवस का उद्देश्य न तो केवल एक दिन का उत्सव है और न ही यह एक व्यावसायिक आयोजन भर है। यह मानव जीवन की उस आधारभूत भावना का उत्सव है, जो किसी भी रिश्ते को गहराई और स्थायित्व प्रदान करती है। यह वह दिन है जब हम उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हमारे जीवन को बेहतर बनाया, हमारे आँसू पोंछे, हमारी सफलताओं में हँसी बाँटी, और हर मोड़ पर साथ खड़े रहे। मित्रता दिवस मनाना, दरअसल, जीवन के सबसे मूल्यवान रिश्ते को सम्मान देने का एक सुंदर बहाना है।
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