@शब्द दूत ब्यूरो (02 अगस्त 2025)
देहरादून/रामनगर। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अतिक्रमण विरोधी अभियान एक बार फिर तेज़ हो गया है। नैनीताल जिले की कॉर्बेट सिटी रामनगर में शनिवार को प्रशासन ने तीन अवैध मज़ारों को ध्वस्त कर दिया। ये सभी धार्मिक ढांचे सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित थे, जिन्हें चिन्हित कर दो सप्ताह पूर्व नोटिस दिया गया था।
प्रशासन की टीम ने बुलडोजर के माध्यम से इन संरचनाओं को गिराया। खास बात यह रही कि तीनों ढांचों में कोई धार्मिक अवशेष नहीं मिले। पक्के सीमेंट से बनी इन संरचनाओं को ध्वस्त कर मलबा डंपर में भरकर मौके से हटा दिया गया।
एक मज़ार सरकारी स्कूल परिसर में भी स्थित थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी थी कि यह बच्चों के मानसिक विकास पर क्या असर डालती होगी। उसे भी शनिवार को हटा दिया गया।
एडीएम नैनीताल विवेक राय ने पुष्टि की कि सभी तीनों अवैध धार्मिक ढांचे प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत हटाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से एक मज़ार एक निजी रिसॉर्ट के भीतर स्थित थी, जिसे मालिक की सहमति से हटवाया गया।
धामी सरकार द्वारा संचालित इस अभियान में अब तक 7000 एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है। वहीं, 541 अवैध मज़ारों को हटाया जा चुका है और इनमें से किसी में भी कोई धार्मिक अवशेष नहीं मिले हैं।
हरिद्वार, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिलों में यह अभियान विशेष रूप से तेज़ी से चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूर्व में स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा चाहे किसी भी धर्म, संप्रदाय या पहचान से जुड़ा हो, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंचायत चुनावों के बाद यह अभियान एक बार फिर तेज़ी पकड़ चुका है।
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