@शब्द दूत ब्यूरो (02 अगस्त 2025)
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद की वरिष्ठ नेत्री और राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी साध्वी ऋतंभरा एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “आज हिंदू स्त्रियां नंगे होकर पैसे कमा रही हैं। यह भारतीय संस्कृति के नाम पर कलंक है।”
साध्वी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बयान को लेकर कई राजनीतिक दलों, महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
साध्वी ऋतंभरा ने यह बात एक धार्मिक मंच पर कहीं, जहां वे भारतीय संस्कृति, सनातन मूल्यों और नारी मर्यादा पर चर्चा कर रही थीं। उनका कहना था कि आधुनिकता की दौड़ में हिंदू समाज की महिलाएं अपनी गरिमा को भूलती जा रही हैं और पैसा कमाने के लिए अशोभनीय तरीकों को अपना रही हैं।
उन्होंने कहा,”जिस धरती पर सीता, सावित्री, अनुसूया, रानी लक्ष्मीबाई जैसी नारियों ने जन्म लिया, वहां आज की पीढ़ी की लड़कियां शर्म और मर्यादा को ताक पर रखकर केवल फैशन, फिल्म और पैसे के पीछे दौड़ रही हैं।”
साध्वी के इस बयान पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह बयान हर मेहनत करने वाली महिला का अपमान है। जो स्त्रियां कला, फिल्म, फैशन या किसी भी क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, उन्हें इस तरह नंगा कहना अमर्यादित और शर्मनाक है।”
साध्वी ऋतंभरा का यह बयान निश्चित ही समाज के कई वर्गों को चौंकाने वाला है। यह मामला केवल एक विवाद तक सीमित नहीं, बल्कि यह उस गहरे विचार टकराव को उजागर करता है, जो परंपरा और आधुनिकता के बीच चल रहा है।
हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान पर माफी भी मांग ली। साध्वी ने कहा कि यदि मेरी बातों से मातृशक्ति को बुरा लगा हो तो मैं क्षमा मांगती हूं। लेकिन हम भारतीयों की ऐसी भूमिका नहीं रही है। मैं अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हूं. उच्छृंखलता सही नहीं है। नंगी शब्द के प्रयोग पर साध्वी ने कहा कि मैं भी मनुष्य हूं, निश्चित रूप से मुझसे भी गलती हो सकती है। यदि मैं निरावरण कहती, निवस्त्रता कहती तो ज्यादा अच्छा होता।
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