नई दिल्ली। सरकारी बैंकों ने अक्टूबर महीने में करीब 2.52 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे हैं। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की तरफ से सदन में दी गई है। वित्तीय सेवा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि इसमें 1.05 लाख करोड़ रुपये का नया कर्ज शामिल है। इसके अलावा 46,800 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल के रूप में दिया गया।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सितंबर में सरकारी बैंकों से कर्ज वितरण बढ़ाने और 400 जिलों में लोन मेला आयोजित करने के लिए कहा था ताकि खुदरा ग्राहकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को कर्ज दिया जा सके। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के कारण रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट घटा रहा है, ताकि लोन सस्ता हो सके। रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश भी दिया था कि वह रेट कट का फायदा लोगों तक पहुंचाए और ज्यादा से ज्यादा लोन बांटे।
अगस्त महीने में सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के मर्जर का ऐलान किया था। 6 छोटे-छोटे बैंकों का 4 बड़े बैंकों में विलय किया गया था। बैंकों के विलय की सबसे प्रमुख वजह है कि उनका वर्किंग कैपिटल बढ़े जिससे वे ज्यादा से ज्यााद लोन बांट सकें और जोखिम लेने की क्षमता भी मजबूत हो।