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बड़ी खबर :ड्रोन को लेकर उड़ रही अफवाहों का सच सामने आया, सर्वेक्षण कार्य हेतु अधिकृत फर्म कर रही थी उपयोग

ड्रोन उड़ानों को लेकर उड़ी अफवाहों पर अब पूर्णविराम लग गया है। यह गतिविधियाँ देश की भू-संरचना को बेहतर समझने और भविष्य की योजनाओं को अधिक सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। आम नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस कार्य में सहयोग करें और किसी भी भ्रामक जानकारी से बचें।

@शब्द दूत ब्यूरो (27 जुलाई 2025)

लखनऊ/मेरठ/सहारनपुर। हाल ही में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों—विशेषकर मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर—में ड्रोन उड़ान को लेकर फैली अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट हो गई है। सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार, यह ड्रोन गतिविधियाँ किसी आपराधिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे भू-सर्वेक्षण और मानचित्रण परियोजना का हिस्सा हैं।

सर्वे ऑफ इंडिया, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक प्रतिष्ठित संस्था है, जो देश में भू-सर्वेक्षण, डिजिटल टोपोग्राफी, और उच्च स्तरीय मानचित्रण का कार्य करती है। संस्था की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियों और उनके तटीय क्षेत्रों में एक आधुनिक तकनीक से युक्त Digital Elevation Model (DEM) का सर्वे किया जा रहा है, जिससे भूमि की ऊँचाई, प्रवाह क्षेत्र और आपदा प्रबंधन के लिए सटीक आंकड़े जुटाए जा सकें।

यह कार्य विशेष रूप से मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों में हिंडन नदी और उसकी सहायक नदियों के आसपास के तटीय क्षेत्रों में हो रहा है। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दो अधिकृत फर्मों—M/s Pioneer Foundation Engineering Pvt. Ltd. और M/s Neo Geo Info Technologies Pvt. Ltd.—को जिम्मेदारी दी गई है। ये फर्में ड्रोन और अन्य भू-स्थानिक तकनीकों की मदद से सर्वेक्षण कार्य कर रही हैं।

स्थानीय स्तर पर बिना पूर्व सूचना के ड्रोन उड़ान देखने पर लोगों ने भ्रमवश इन्हें संदिग्ध गतिविधि समझ लिया और अफवाहों का सिलसिला शुरू हो गया। कुछ स्थानों पर यह भी कहा गया कि ड्रोन से चोरी या जासूसी हो रही है, जबकि हकीकत इससे बिलकुल अलग है।

प्रशासन ने दी जानकारी, जनता से सहयोग की अपील
जिला प्रशासन ने इस संबंध में संबंधित जिलाधिकारियों को सूचित कर दिया है और जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। सर्वेक्षण कार्य पूरी तरह से वैधानिक, नियोजित और जनहित में है। किसी भी संदेह की स्थिति में प्रशासन या सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकृत कार्यालय से जानकारी ली जा सकती है।

ड्रोन उड़ानों को लेकर उड़ी अफवाहों पर अब पूर्णविराम लग गया है। यह गतिविधियाँ देश की भू-संरचना को बेहतर समझने और भविष्य की योजनाओं को अधिक सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। आम नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस कार्य में सहयोग करें और किसी भी भ्रामक जानकारी से बचें।

 

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