@शब्द दूत ब्यूरो(11 जुलाई 2025)
रामनगर (कॉर्बेट सिटी)। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज में 6 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सफारी के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है। सीएम जिस जिप्सी (UK 19GA 0067) से सफारी पर गए, वह बीते पांच वर्षों से बिना फिटनेस के चल रही थी। इस मामले ने सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक यह वही जिप्सी है जिसका इस्तेमाल बीते वर्षों में कई वीआईपी, उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश, राज्यपाल तक की कॉर्बेट यात्रा में किया गया। हैरानी की बात यह है कि इतने संवेदनशील दौरों के बावजूद न तो वाहन की फिटनेस पर किसी की नजर पड़ी, न ही जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी अनदेखी को गंभीरता से लिया।
पिछले पांच वर्षों में कॉर्बेट पार्क में तीन निदेशक बदले, जिनमें विवादों में रहे राहुल, पूर्व निदेशक डॉ. धीरज पांडेय और वर्तमान निदेशक डॉ. साकेत बडोला शामिल हैं। बावजूद इसके उक्त जिप्सी लगातार उपयोग में रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएम धामी की सफारी वाले दिन उक्त वाहन को ड्राइवर मोहम्मद उमर ने नहीं चलाया था, बल्कि कोई अन्य चालक वाहन पर था जिसे फिटनेस संबंधी जानकारी नहीं थी। वहीं मोहम्मद उमर पर यह आरोप है कि उसने जानबूझकर इस जानकारी को छिपाया। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि उसी दिन कुछ मीडिया कर्मियों ने उसे सीएम की लोकेशन को लेकर कॉल किया था, जिस पर उसने जवाब दिया कि वह जंगल नहीं गया।
वन विभाग मामले की जांच में जुट गया है। ड्राइवर मोहम्मद उमर और वाहन की देखरेख से जुड़े स्टोर कीपर से जवाब-तलब किया गया है। वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पीसीसीएफ हॉफ और उनके माध्यम से पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) को जांच के निर्देश दे दिए हैं।
इस बीच यह बात भी सामने आई है कि परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार छह सीटर वाहनों को फिटनेस की आवश्यकता नहीं होती, जबकि आठ सीटर को होती है। अब यह भी जांच का विषय है कि यह वाहन किस श्रेणी में आता है।
कॉर्बेट में सीएम की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला वन विभाग और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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