देश के शीर्ष 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की फीस अगर बढ़ती है तो यह सबसे ज्यादा होगी। यह बात एक विश्लेषण में सामने आई है। इसमें देश के 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है।
बता दें कि इन्हें टॉप-10 की रैंकिंग नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा दी गई है। इसमें शामिल हैं- जेएनयू, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्वविद्यालय, विश्व-भारती विश्वविद्यालय, नॉर्थईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू), पांडिचेरी विश्वविद्यालय।
जैसा कि सामान्य तौर पर माना जाता है कि जेएनयू की पुरानी हॉस्टल फीस देश के तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सबसे कम थी, लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। आपको बता दें कि विश्व-भारती विश्वविद्यालय, एचसीयू, एएमयू, एनईएचयू और पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हॉस्टल की फीस जेएनयू जितनी नहीं उससे कम है।
डीयू को छोड़कर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के हॉस्टल की फीस कमोबेश समान ही है। डीयू में 20 अलग-अलग तरह के हॉस्टल हैं, जिनके हॉस्टल की फीस लगभग 5,500 से लेकर 55,500 रुपये तक है। इस तरह अगर कुछ डीयू के हॉस्टल छोड़ दिए जाएं तो जेएनयू के छात्रों को हॉस्टल के लिए सबसे ज्यादा फीस देनी होगी।
चार दशक में पहली बार बढ़ी जेएनयू की फीस का विरोध छात्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसमें कई तरह के सर्विस चार्ज जोड़े जा रहे हैं। जैसे कि- रखरखाव, मेस चार्ज, कुक और सैनिटेशन जैसे खर्च भी वसूले जाएंगे जो अब तक हॉस्टल फीस में नहीं जुड़े होते थे। नई हॉस्टल फीस के अनुसार जेएनयू के छात्रों को 1700 प्रतिमाह सर्विस चार्ज के देने होंगे।