घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है।
@शब्द दूत ब्यूरो (19 जून 2025)
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। थाना क्षेत्र के एक गांव में डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर अचानक हमला कर दिया गया। इस हमले में थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह को गंभीर रूप से चोटें आईं। उन्हें जमीन पर गिराकर लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया। थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह समेत एक सब-इंस्पेक्टर, दो हेड कॉन्स्टेबल, एक कॉन्स्टेबल समेत 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह की हालत गंभीर है।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार रात गांव में शादी समारोह के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों के बीच कहासुनी हो गई थी। मामला बढ़ता देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत कराते हुए थाने ले जाने लगे। इसी दौरान रास्ते में अचानक भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
हमले में थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना में शामिल 17 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों में ये नाम शामिल हैं:
फूलचंद, सर्वेश, लकी, गौतम, आकाश, सिंकू, विपिन, चंद्रेश, ऋतिक, राकेश, विशाल, मनोज, शर्मीला, शिवमूरत, संगम, मंकू और ऋषभ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना को पुलिस के लिए गंभीर चुनौती मानते हुए प्रशासन ने पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है।
यह घटना प्रदेश में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। थानाध्यक्ष पर हमला सिर्फ एक अधिकारी पर ही नहीं, बल्कि पूरे कानून-व्यवस्था तंत्र पर हमला माना जा रहा है।
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