@शब्द दूत ब्यूरो (16 जून 2025)
काशीपुर शहर की कई रिहायशी कालोनियों में बिना अनुमति चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर अब स्थानीय नागरिकों में नाराजगी बढ़ने लगी है। कॉलोनियों में खुल रहे दुकानों, कोचिंग सेंटरों, बुटीक, गेस्ट हाउसों और छोटे कारखानों से न केवल रहवासियों की शांति भंग हो रही है, बल्कि ट्रैफिक और सुरक्षा संबंधी समस्याएँ भी तेजी से बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अनधिकृत व्यावसायिक उपयोग पर तत्काल रोक लगाई जाए और संबंधित भवन स्वामियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
शहर की अनेक कॉलोनियां इन दिनों तेजी से व्यवसायिक गतिविधियों का केंद्र बनती जा रही हैं। मकानों को किराये पर देकर वहां दुकानें, क्लीनिक, कोचिंग सेंटर, गोदाम, होटल व गेस्ट हाउस जैसी गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं।
इनसे उत्पन्न समस्याओं में गाड़ियों की पार्किंग से कॉलोनियों की सड़कों पर जाम की स्थिति, बाहरी लोगों की आवाजाही से सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह, ध्वनि प्रदूषण और सार्वजनिक अव्यवस्था, स्वच्छता और कूड़ा निस्तारण में कठिनाई
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमने शांत वातावरण में घर लेकर रहना चुना था, लेकिन अब ऐसा लगता है जैसे हम बाजार के बीच फँस गए हैं। बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पा रहे, और आए दिन ट्रैफिक से झगड़े हो रहे हैं।”वहीं महिलाओं के लिए तो और भी दिक्कत आ रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर निगम आवासीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि पहले चेतावनी देकर नियमों का उल्लंघन करने वालों को चिन्हित किया जाए, और आवश्यकता पड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
नगर नियोजन अधिनियम के अंतर्गत किसी भी आवासीय क्षेत्र में बिना परिवर्तन की अनुमति के व्यवसायिक कार्य करना कानूनन गलत है। ऐसे मामलों में नियमानुसार भवन स्वामियों को पहले नोटिस और फिर सीलिंग की कार्रवाई का प्रावधान है।
रिहायशी कॉलोनियों में अनियंत्रित रूप से फैल रही व्यावसायिक गतिविधियाँ अब सामान्य नागरिकों के लिए असहनीय बनती जा रही हैं। ऐसे में नगर निगम प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह समय रहते हस्तक्षेप करे और शहर के आवासीय चरित्र को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
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