@शब्द दूत ब्यूरो (19 अप्रैल 2025)
देहरादून। प्रदेश में अपर सचिव वित्त अरूणेंद्र सिंह चौहान से दारोगा द्वारा अभद्रता का मामला काफी चर्चा में है। इस मामले में आरोपी दारोगा हर्ष अरोड़ा को निलंबित करने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। उधर जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें से एक आरोपी गुरप्रीत सिंह अहलूवालिया ने अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा।
गुरप्रीत सिंह का कहना है कि बताया कि पिछले दो से तीन साल से अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान उनसे जमीन बेचने के लिए दबाव बना रहे थे। और ख़ुद जमीन खरीदना चाहते थे। गुरप्रीत सिंह के इस बयान के बाद यह मामला उलझ गया है। हालांकि सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। दरअसल आरोपी पक्ष का कहना है कि इस मामले में एक पक्षीय कार्रवाई की गई है। उनका कहना है कि अपर सचिव पर कार्रवाई क्यों नहीं? वही दो दिन पहले देहरादून सीजेएम न्यायालय ने अरुणेद्र सिंह चौहान पर 22 गंभीर धाराओ में दर्ज केस में पुलिस को जाँच के आदेश दिए है पर इतना सब होने पर अभी तक सरकार मौन है। अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान अकेले बिना विभाग को सूचित किए और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को लेकर मौके पर क्यों नहीं गए?
आपको बता दें कि बीते दिनों कुछ लोगों ने सरकारी भूमि की तारबाड़ काटते हुए निर्माणाधीन दीवार गिरा दी थी। बताया जा रहा है कि सरकारी विभाग की ओर से जहां यह तारबाड़ व दीवार बनाई जा रही है, वहां पीछे कुछ लोगों के प्लाट हैं। दीवार बनने से उनका रास्ता बंद हो रहा है, जिसके चलते उन्होंने यह दीवार गिरा दी।
इस मामले में बुधवार को प्रेमनगर थाना पुलिस ने प्रवीण भारद्वाज, गुरप्रीत सिंह व अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। घटनास्थल का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे वित्त अपर सचिव की कुछ लोगों से कहासुनी हो गई। इसके बाद वित्त अपर सचिव व चौकी प्रभारी झाझरा हर्ष अरोड़ा आमने सामने हो गए।
नोट-शब्द दूत आरोपी द्वारा लगाये गये आरोपों की पुष्टि नहीं करता।