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अजब गजब :ढाई साल में एक महिला तीस बार मां बनीं, इसी अवधि में पांच बार नसबंदी भी हुई उसी महिला की,देश का बेहद आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला मामला

ये मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

@शब्द दूत ब्यूरो (09 अप्रैल 2025)

आगरा। एक ही महिला ढाई साल में तीस बार मां बनीं। क्या ये हकीकत है? आप भी चौंक रहे होंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की मानें तो ये सच है। हालांकि कागजों में ही सच है। ऐसा दर असल सरकार की योजना का लाभ उठाने के लिए किया गया।

अब आपको बताते हैं कि क्या मामला है। ये अजीबोगरीब मामला फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां एक ही महिला ढाई साल के भीतर 25 बार मां बनी। हैरानी की बात तो ये है कि उसी महिला की 5 बार नसबंदी भी हुई।  सरकार की जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना में घोटाला करने के लिए ऐसा किया गया।

आपको बता दें कि इन योजनाओं के तहत जननी सुरक्षा योजना में प्रसव के बाद महिला को ₹1400 और प्रेरणा देने वाली आशा कार्यकर्ता को ₹600 दिए जाते हैं। नसबंदी के बाद महिला को ₹2000, और आशा को ₹300 मिलते हैं। यह पूरी राशि महिला के खाते में सीधे 48 घंटे के भीतर ट्रांसफर कर दी जाती है।

इन दोनों योजनाओं की आड़ में ही यह बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया. एक महिला को बार-बार डिलीवरी के नाम पर दिखाया गया, फिर बार-बार नसबंदी कराई गई, और हर बार सरकारी धन का भुगतान कर दिया गया। इस तरह करीब 45,000 रुपये की सरकारी धनराशि का गबन कर लिया गया।
इसका खुलासा तब हुआ जब फतेहाबाद स्थित पीएचसी की नियमित ऑडिट कराया गया। दस्तावेजों की जांच के दौरान ऑडिट टीम दंग रह गई। उन्होंने पाया कि एक ही महिला के नाम 25 डिलीवरी और 5 नसबंदी करना दिखाया गया है। यही नहीं उसे इन प्रक्रियाओं के लिए सरकारी योजना का लाभ भी दिया गया है।

जैसे ही ये मामला सामने आया पूरा मामला समझते ही ऑडिट टीम ने सीएमओ आगरा डॉक्टर अरुण श्रीवास्तव को सूचना दी। सूचना पाकर वे खुद मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस बात की विस्तृत जांच की जाएगी कि ये तकनीकी गलती है या फिर सुनियोजित घोटाला। अगर इस मामले में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फतेहाबाद और शमशाबाद के सीएचसी पर वर्षों से कुछ कर्मचारियों का दबदबा रहा है। यही वजह है कि एक ही साल में चार अधीक्षकों का ट्रांस्फर किया गया है। लेकिन दबदबा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की लाभ राशि समय से ट्रांस्फर करने का दबाव रहता है, इस कारण जल्दीबाजी में ऐसी गलती हो सकती है।हालांकि, पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने जांच के लिए स्पेशल टीम बनाने की बात कही है। साथ ही किसी के दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई का भी अश्वासन दिया है।

 

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