श्रीनगर गढ़वाल में बैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर आयोजित मेले में शिक्षिका संगीता फरासी द्वारा शिक्षित किए गए मलिन बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उनके द्वारा स्वयं निर्मित हस्तशिल्प की वस्तुओं का स्टाल लगाया गया। स्टाल का उद्घाटन उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत द्वारा किया गया। उद्घाटन के बाद मंत्री जी ने बच्चों द्वारा तैयार इको फ्रेंडली थैले व फूलों को न केवल खूब सराहा बल्कि उन्हें खुद भी खरीदकर उनकी हौंसला अफजाई की।
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी अपनी टीम के साथ मेला देखने आये और उन्होंने भी बच्चों की खुब तारीफ और बच्चों द्वारा निर्मित बैग भी खरीदे।
शिक्षिका संगीता फरासी के प्रयासों का नतीजा अब धरातल पर दिख रहा है। इन बच्चों की कलाकारी से मेले में आने वाले सभी लोग आकर्षित हुए। ये बच्चे अब तक दस हजार रुपये तक का सामान बेच चुके हैं । इससे एक ओर न केवल बच्चों का उत्साह बढ़ रहा है बल्कि भविष्य में उनकी मानसिक स्थिति में भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेगा।
संगीता फरासी के इस अभिनव प्रयोग को शिक्षा के क्षेत्र में सराहा जा रहा है। उनका मानना है कि उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह की पहल हो तो कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा और खुद को मुख्यधारा जुड़कर स्वस्थ समाज का निर्माण करेगा।