काशीपुर । पिंकी हत्याकांड में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की घोषणा के पन्द्रह दिन बीतने के बाद भी उसके परिजनों को दो लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिल पाया है। एक हफ्ते तक काशीपुर में पिंकी की बुआ के घर ठहरने के बावजूद मुआवजा न मिलने से निराश पिंकी के माता-पिता को आखिर वापस अपने गांव लौटना पड़ा।
समाजसेवी पंकज पंत आज नींझड़ा स्थित पिंकी की बुआ आशा रावत के घर पहुंचे थे। जहाँ पिंकी की बुआ ने बताया कि कई बार उन लोगों ने स्थानीय पार्षद से विधायक हरभजन सिंह चीमा से इस बारे में मुलाकात के लिए कहा। उन्होंने बताया कि विधायक चीमा का स्वास्थ्य खराब होने की बात कहकर उन्हें विधायक से नहीं मिलाया जा रहा है। हत्याकांड के खुलासे और मुख्यमंत्री द्वारा मुआवजे की घोषणा के बाद इस परिवार की ओर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल के नेता ने नहीं देखा। एकमात्र कमाने वाली पुत्री की मौत के बाद परिवार की स्थिति दयनीय है।
बता दें कि देवभूमि पर्वतीय महासभा ने उस दौरान 40 लाख मुआवजे जिसमें बीस लाख दुकान स्वामी तथा बीस लाख सरकारी और मृतका के भाई को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन किया था। बाद में महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जीना की मुख्यमंत्री से हुई वार्ता में मृतका के परिजनों को दो लाख का मुआवजा देने की घोषणा कर दी गई थी। बिडम्बना यह है कि घोषणा के एक पखवाड़े बाद भी मुआवजा नहीं मिल पाया है।
उधर देवभूमि पर्वतीय महासभा के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने कहा कि पिंकी के परिवार की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत की घोषणा के अनुरूप उन्हें घोषित मुआवजा मिलने में देरी होना चिंताजनक बात है।