@शब्द दूत ब्यूरो (09 दिसंबर 2024)
काशीपुर । प्रशासन की देखरेख में हो रही देवभूमि पर्वतीय महासभा की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सदस्यों की संख्या पर आपत्तियों का आने से एक बार फिर चुनाव को लेकर संशय की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि प्रशासन द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी इन आपत्तियों पर क्या निर्णय देते हैं यह अभी भविष्य के गर्भ में है।
दरअसल देवभूमि पर्वतीय महासभा में चल रहे विवाद को देखते हुए प्रशासन ने इसके चुनाव अपनी देखरेख में कराने का फैसला लिया था। मनोनीत चुनाव अधिकारी नायब तहसीलदार भीम सिंह कुटियाल ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर सर्वप्रथम महासभा के सदस्यों की यानि वैध मतदाताओं की सूची के सत्यापन की शुरुआत की। इस हेतु 244 सदस्यों की सूची उन्होंने प्रकाशित की। साथ ही सूची को लेकर 12 दिसंबर तक आपत्तियां भी आमंत्रित की हैं।
चुनावी प्रक्रिया के तहत प्रकाशित सदस्यों की सूची प्रकाशित होते ही इस पर अनेक लोगों ने आपत्ति जताई। हालांकि अभी तक तीन लोगों की ही आपत्ति आई है। पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जीना ने अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए अवगत कराया कि 2019 की सदस्यता सूची में 766 लोगों के नाम दर्ज थे। उस सूची में में से कुछ लोग दिवंगत हो चुके हैं। 500 व्यक्तियों के पिता का नाम एवं आधार कार्ड जुड़े हुए हैं। उन्होंने मौजूदा 244 सदस्य की सूची पर आपत्ति दर्ज करते हुए पूर्व की 766 सदस्य सूची के आधार पर चुनाव कराने की मांग की है।
उधर सुधीर कुमार पंत ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि 766 वाली सूची में तो उनका नाम है। वह आजीवन सदस्य हैं लेकिन 244 वाली सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में 766 वाली सूची के आधार पर ही चुनाव प्रक्रिया होनी चाहिए।
बहरहाल देवभूमि पर्वतीय महासभा के चुनाव की प्रक्रिया क्या आगे बढ़ पायेगी? यह अपने आप में बड़ा सवाल है।